Damaru Baaje Bholenath Ka
शिव तीनो लोक के स्वामी है,
शिव कैलाशो के वासी है,
सारे जग पर इनकी नजर रे,
भोले तो अंतर्यामी है,
है मन जिनके शिव बसते उनको डर की बात का,
जब डमरू बाजे भोलेनाथ का,
सारा धरती गगन ये नचता,
जब आँख तिसरी खोल दे तो काल भी थर थर कापता….
भोले की मस्ती में हो के मगन,
नच रहा ये धरती गगन,
दुनिया की उसे हा परवाह नहीं,
मन मैं आधार है जिनके शिवम्,
शिव ही अँधेरा है शिव ही किरण,
वोही है अग्नि वोही पवन,
जीवन भी वो ही है चींटी भी वो ही है,
शिव मैं बसा है हर इक कान,
हाथो माई डमरू….. गले में नाग,
जट्टा माई गंगा…. आंखो माई आग,
मोह माया चोर के सारे जगत की,
बैठा है भोला कहीं सब कुछ त्याग के…..
जब तड़व करते भोले है,
आकाश पाताल भी डोले है,
सदियो जनमो से गुंज रहा एक नाम जो बम बम भोले है,
खुद पी कर विश का प्यारा वो अमृत देवो मैं बट्टा,
जब डमरू बाजे भोलेनाथ का,
सारा धरती गगन ये नचता,
जब आँख तिसरी खोल दे तो काल भी थर थर कापता……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile