डमक डमक डम डमरू बाजे महादेव के हाथ यह भजन भगवान महादेव के महान रूप और शक्ति का प्रतीक है, जो हमें उनके तांडव और डमरू की आवाज से जोड़ता है। डमरू की आवाज सुनकर हमारे भीतर एक दिव्य शांति और भक्ति का संचार होता है, जो हमें शिव जी के करीब ले आती है। इस भजन में शिव जी के अस्तित्व की अद्वितीयता को महसूस किया जा सकता है, और यह हमें उनके शरण में जाने के लिए प्रेरित करता है।
Damak Damak Dam Damru Baje Mahadev Ke Hath Bhajan Lyrics
डमक डमक डम डमरू बाजे,
महादेव के हाथ,
हो पी के भंग तरंग में नाचे,
शंकर भोलेनाथ,
बाबा बम लहरी बम बम भोले,
हो बाबा बम लहरी बम बम भोले।।
इनके गले में सर्पों की माला,
फूलों जैसी सजती है, सजती है,
सजती है, सजती है,
केशों से बहती गंगा की धारा,
कितनी सुन्दर लगती है, लगती है,
लगती है, लगती है
इनकी हर मुद्राए करती है,
इनकी हर मुद्राए करती है,
तीन लोक की बात,
हो पी के भंग तरंग में नाचे,
शंकर भोलेनाथ,
बाबा बम लहरी बम बम भोले,
हो बाबा बम लहरी बम बम भोले।।
चन्द्रमा मस्तक पर चमके,
अधरों पर मुस्कान,
अधरों पर मुस्कान,
नीलकंठ और अंग भभूति,
शम्भू की पहचान,
शम्भू की पहचान,
तीन नेत्र त्रिमूर्ति इनका रूप अनूप है,
इनका रूप अनूप है,
इनका रूप अनूप है,
हो इनकी महिमा ऐसे गाओ,
हो इनकी महिमा ऐसे गाओ,
झूम उठे ये रात,
झूम उठे ये रात,
हो पी के भंग तरंग में नाचे,
शंकर भोलेनाथ,
बाबा बम लहरी बम बम भोले,
हो बाबा बम लहरी बम बम भोले।।
दया की ऐसी जोत जगा जोत जगा,
दीप जलें आशाओं के,
दीप जलें आशाओं के,
ओ, कृपा दृष्टि को तरस रहे,
तन मन दसों दिशाओं के,
साक्षात् दर्शन दो बाबा,
साक्षात् दर्शन दो बाबा,
पार्वती के साथ,
हो पी के भंग तरंग में नाचे,
शंकर भोलेनाथ,
बाबा बम लहरी बम बम भोले,
हो बाबा बम लहरी बम बम भोले।।
डमक डमक डम डमरू बाजे,
महादेव के हाथ,
हो पी के भंग तरंग में नाचे,
शंकर भोलेनाथ,
बाबा बम लहरी बम बम भोले,
हो बाबा बम लहरी बम बम भोले।।
“डमक डमक डम डमरू बाजे महादेव के हाथ” जैसे भजन हमें भगवान शिव के तांडव रूप और उनकी शक्ति का अहसास कराते हैं। यह भजन हमें बताता है कि शिव जी का हर कार्य, हर रूप हमारे जीवन में एक गहरी अर्थपूर्ण यात्रा का हिस्सा है। यदि आप इस भजन से महादेव के भव्य रूप को महसूस कर रहे हैं, तो आप “ॐ नमः शिवाय” या “शिव तांडव स्तोत्र” जैसे अन्य भजनों को भी जरूर पढ़ें और शिव जी की भक्ति में गहरे उतरें। शिव जी के भजन हमारे जीवन को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद से भर देते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile