डमक डम डमरू रे बाजे शिव जी भजन लिरिक्स

आज हम जिस भजन पर चर्चा करेंगे, वह है डमक डम डमरू रे बाजे शिव जी। यह भजन भगवान शिव के अनन्य भक्तों द्वारा गाया जाता है, जिसमें डमरू की गूंज के साथ शिव जी की महिमा का वर्णन किया गया है। डमरू की आवाज हमें शिव जी की शक्ति और तांडव की याद दिलाती है, जो न केवल सृष्टि के संहारक बल्कि संसार के पालनकर्ता भी हैं। इस भजन के माधुर्य और शब्दों के माध्यम से हम शिव जी के विराट रूप और उनकी असीम कृपा का अनुभव कर सकते हैं।

Damak Dam Damaru Re Baje Shiv Ji Bhajan Lyrics

डमक डम डमरू रे बाजे,
चन्द्रमा मस्तक पर साजे,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
गले में पड़ी सर्प की माला,
हाथ त्रिशूल कान में बाला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम।।

बनकर के नटराज सदाशिव,
अद्भुत कला दिखाए,
डम डम डमरू बजे हाथ में,
ताल से ताल मिलाए,
छान के भांग का गोला,
जटा बिखरा के भोला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम।।

देख के रूप अनोखा शिव का,
गौरा मन हर्षाए,
नभ मंडल से देवी देवता,
शिव पे फूल बरसाए,
है कैलाश पे अजब नज़ारे,
बाजे ढोलक झांझ नगाड़े,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम।।

जैसे जैसे चरण थिरकते,
मन होता मतवाला,
नित गाता है महिमा ‘लख्खा’,
भोले देव निराला,
मगन मन भक्तो का टोला,
झूम के ‘गिरी’ है ये बोला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम।।

डमक डम डमरू रे बाजे,
चन्द्रमा मस्तक पर साजे,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
गले में पड़ी सर्प की माला,
हाथ त्रिशूल कान में बाला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम,
नाचे भोला हर हर हर हर बम।।

“डमक डम डमरू रे बाजे शिव जी” जैसे भजन भगवान शिव के नृत्य और उनकी शक्ति का अनुभव कराते हैं। शिव जी के भव्य रूप और उनके द्वारा बजाए गए डमरू की ध्वनि हमारे दिलों में शांति और भक्तिभाव का संचार करती है। यदि आप इस भजन के माध्यम से शिव जी की महिमा को महसूस कर रहे हैं, तो आप “शिव तांडव स्तोत्र” या “बम बम भोले” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव जी की भक्ति में और गहरे उतरें। शिव जी के भजन हमारे जीवन में दिव्यता और शक्ति का अनुभव कराते हैं।

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