चलती है सारी सृष्टि उज्जैन शहर से

Chalti Hai Sari Shrishti Ujjain Sahar Se

( मेरे महाकाल की मर्जी से ये सूर्य की किरणे निकलती है,
मेरे महाकाल की कृपा से ये श्रष्टी सारी चलती है। )

चलती है सारी श्रष्टी उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से, मेरे महाकाल के दर से……

ब्रह्मा और विष्णु भी महाकाल का गुणगान करें,
वंदना शिव की सभी वैद और पुराण करें,
देवो ने तत्व पाया उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से……

मेरे महाकाल से यमकाल सभी डरते है,
अकाल मौत भी आए तो उसको हरते है,
वो काल भी घबराये महाकाल के डर से,
मेरे महाकाल के दर से……

जो भी दर्शन को बाबा तेरे शहर आता है,
सभी बंधन से बाबा मुक्त वो हो जाता है,
जाता ना कोई खाली उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से……

मेरे महाकाल की तो बात हि निराली है,
आता जो दर पे इनके जाता नहीं खाली है,
मेरे महाकाल की तो बात हि निराली है,
मेरे महाकाल ने जिस जिस पे नज़र डाली है,
ज़िंदगी रोशन हुई रोज हि दिवाली है,
मेरे महाकाल की तो बात हि निराली है…..

मेरे महाकाल की तो दुनिया हि दीवानी है,
बनाते बिगड़ी सबकी भोले औघडदानी है,
आसरा पाया है कृष्णा ने बाबा तेरे हि दर से,
मेरे महाकाल के दर से……

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