Chalti Hai Sari Shrishti Ujjain Sahar Se
( मेरे महाकाल की मर्जी से ये सूर्य की किरणे निकलती है,
मेरे महाकाल की कृपा से ये श्रष्टी सारी चलती है। )
चलती है सारी श्रष्टी उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से, मेरे महाकाल के दर से……
ब्रह्मा और विष्णु भी महाकाल का गुणगान करें,
वंदना शिव की सभी वैद और पुराण करें,
देवो ने तत्व पाया उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से……
मेरे महाकाल से यमकाल सभी डरते है,
अकाल मौत भी आए तो उसको हरते है,
वो काल भी घबराये महाकाल के डर से,
मेरे महाकाल के दर से……
जो भी दर्शन को बाबा तेरे शहर आता है,
सभी बंधन से बाबा मुक्त वो हो जाता है,
जाता ना कोई खाली उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से……
मेरे महाकाल की तो बात हि निराली है,
आता जो दर पे इनके जाता नहीं खाली है,
मेरे महाकाल की तो बात हि निराली है,
मेरे महाकाल ने जिस जिस पे नज़र डाली है,
ज़िंदगी रोशन हुई रोज हि दिवाली है,
मेरे महाकाल की तो बात हि निराली है…..
मेरे महाकाल की तो दुनिया हि दीवानी है,
बनाते बिगड़ी सबकी भोले औघडदानी है,
आसरा पाया है कृष्णा ने बाबा तेरे हि दर से,
मेरे महाकाल के दर से……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile