चले भोले बाबा लिए संग बाराती इस भजन में भगवान शिव के विवाह प्रसंग का उल्लासपूर्ण चित्रण है, जहाँ वे अपने अनोखे बारातियों के संग निकलते हैं। यह भजन शिव जी के सरल, भोले और अलौकिक स्वरूप को दर्शाता है, जो भक्तों के मन को प्रसन्नता और भक्ति से भर देता है। जब हम इस भजन को पढ़ते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं बारात में शामिल होकर शिव जी के अद्भुत स्वरूप का दर्शन कर रहे हों।
Chale Bhole Baba Liye Sang Barati Bhajan Lyrics
चले भोले बाबा,
लिए संग बाराती।
गले नाग काले,
बाघम्बर है तन पे,
चले भोले बाबा,
लिए संग बाराती,
चले भोले बाबा,
लिए संग बाराती,
ना बारात पहले,
कभी ऐसी देखि,
है शोभा निराली जो,
बखानी ना जाती।।
मसानो की भस्मी,
बनाई है उबटन,
है मुंडो की माला,
दूल्हे के कण्ठन,
है मुंडो की माला,
दूल्हे के कण्ठन,
है सहरे के बदले,
जटाजूट सर पे,
जटाओ में गंगा की,
धारा सुहाती,
ना बारात पहले,
कभी ऐसी देखि,
है शोभा निराली जो,
बखानी ना जाती।।
ना रथ है न घोड़ी,
नादिया पे सज के,
चले गौरा ब्याहने,
शिव दूल्हा बन के,
चले गौरा ब्याहने,
शिव दूल्हा बन के,
है त्रिशूल कर में,
बंधा जिसपे डमरू,
झूम झूम श्रष्टि भी,
गीत गुनगुनाती,
ना बारात पहले,
कभी ऐसी देखि,
है शोभा निराली जो,
बखानी ना जाती।।
कोई जाए गंजा,
कोई जाए नंगा,
कोई सिर कटा,
कोई जाए भुजंगा,
कोई सिर कटा,
कोई जाए भुजंगा,
बनाकर के टोली,
भुत प्रेत नाचे,
निराला है दूल्हा,
निराले है साथी,
ना बारात पहले,
कभी ऐसी देखि,
है शोभा निराली जो,
बखानी ना जाती।।
नाचते है सारे,
देव हो या दानव,
नहीं आती हर दिन,
घडी ऐसी पावन,
नहीं आती हर दिन,
घडी ऐसी पावन,
है शिव के विवाह की,
कहानी निराली,
कहे कैसे योगी,
बखानी ना जाती,
ना बारात पहले,
कभी ऐसी देखि,
है शोभा निराली जो,
बखानी ना जाती।।
गले नाग काले,
बाघम्बर है तन पे,
चले भोले बाबा,
लिए संग बाराती,
चले भोले बाबा,
लिए संग बाराती,
ना बारात पहले,
कभी ऐसी देखि,
है शोभा निराली जो,
बखानी ना जाती।।
“चले भोले बाबा लिए संग बाराती” जैसे भजन शिवजी की विचित्र लीलाओं और उनके अलौकिक विवाह प्रसंग का सुंदर चित्रण करते हैं। ऐसे भजनों को पढ़ना और करना हमें भोलेनाथ की भक्ति से जोड़ता है और जीवन में आध्यात्मिक आनंद का अनुभव कराता है। यदि यह भजन आपको भावुक कर रहा है, तो आप “पारवती शिवजी से बोली नीलकंठ योगेश्वर”, “डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा”, “घर में पधारो भोले बाबा”, और “जय हो शिव भोला भंडारी” जैसे अन्य शिव भजनों को भी जरूर पढ़ें और शिव जी के चरणों में अपना समर्पण प्रकट करें।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile