चल दिए महाकाल के दर पे

चल दिए महाकाल के दर पे भजन शिव भक्तों की उस अनंत आस्था और भक्ति को दर्शाता है, जब वे महाकाल के दरबार की ओर बढ़ते हैं। महाकाल के दर्शन मात्र से जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। जब कोई श्रद्धालु उज्जैन की पावन भूमि में महाकाल के चरणों में समर्पित होता है, तो उसे असीम शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। यह भजन हमें शिव भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने और उनके दरबार की यात्रा करने की प्रेरणा देता है।

Chal Diye Mahakal Ke Dar Pe

उठा लिए कांवड़,
चल दिए महाकाल के दर पे,
उज्जैनी में चलके पंहुचे,
महाकाल के दर पे,
उठा लिए कांवड़,
चल दिए महाकाल के दर पे।1।

आया श्रवण का महीना,
हो गई भक्तो की तैयारी,
रखलिए कांधे पे है कांवड़,
चल दिये पैदल नर और नारी,
रक्षा करना अपने भक्त की,
आए शरण तिहारी,
उठा लिए कांवड़,
चल दिए महाकाल के दर पे।2।

माता गौरा संग बैठे,
मेरे भोले त्रिपुरारी,
शृंगी भृंगी संग लेके,
करते नंदी की सवारी,
दास बनालो अपने चरण का,
सुनलो अर्जी हमारी,
उठा लिए कांवड़,
चल दिए महाकाल के दर पे।3।

उठा लिए कांवड़,
चल दिए महाकाल के दर पे,
उज्जैनी में चलके पंहुचे,
महाकाल के दर पे,
उठा लिए कांवड़,
चल दिए महाकाल के दर पे।4।

चल दिए महाकाल के दर पे भजन करने से हमें शिव जी के प्रति अनन्य प्रेम और भक्ति की अनुभूति होती है। महाकाल के दर्शन से ही जीवन धन्य हो जाता है, और जो भी उनके शरण में आता है, उसे कभी कोई भय नहीं सताता। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो महाकाल आरती, शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा, और हर हर महादेव भजन भी करें। शिव भक्ति से आत्मा को शुद्धि और जीवन को नई दिशा मिलती है। 🚩✨

Share

Leave a comment