भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन भजन लिरिक्स

भोलेनाथ की भक्ति में जो आनंद है, वह किसी और में नहीं। उनका भोलापन, उनकी सरलता और उनकी कृपा अपार है। भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन भजन में शिव शंकर की अलौकिक सहजता और भक्तों पर उनकी असीम दया का वर्णन किया गया है। यह भजन हमें शिव के सच्चे स्वरूप से जोड़ने का मार्ग दिखाता है।

Bholenath Tumhara Bholapan

भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है,
दे दिया भस्मा को वरदान तूने
बन नारी नारायण आया है,
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।।

वरदान तुम्ही से पाकर के,
रावण भी बड़ा गर्वाया था
तब राम जी ले अवतार प्रभु,
रावण का गर्व मिटाया था
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।।

जब करके तपस्या भगीरथ ने,
गंगा को तुमने मनाया था
तारा साठ हजार सगर सूत को,
तीनों लोक में तेरी माया है
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।।

जब सती को सुनाई अमरकथा,
सुआ भी हुंकारा देता था
सुऐ से बने सुकदेव मुनि,
उसने भी अमर पद पाया है
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।।

भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है
दे दिया भस्मा को वरदान तूने,
बन नारी नारायण आया है
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।।

भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है, और उनकी भक्ति से जीवन सुखमय हो जाता है। यदि यह भजन आपको प्रिय लगा, तो भोले के हाथों में है भक्तों की डोर, महाकाल नाम जपिए झूठा झमेला और जय हो बाबा विश्वनाथ जय हो भोले शंकर जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और महादेव की कृपा प्राप्त करें।

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