भोलेनाथ की दीवानी गौरा रानी लागे भजन भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य प्रेम को दर्शाता है। इसमें गौरा रानी (माता पार्वती) के भोलेनाथ के प्रति प्रेम और भक्ति की अभिव्यक्ति है। इस भजन में भगवान शिव की कृपा और पार्वती माता के प्रेम का अद्भुत रूप प्रस्तुत किया गया है। यह भजन एक भक्त के ह्रदय में शिव-पार्वती के प्रति प्रेम और श्रद्धा को प्रगाढ़ करता है, और हमें उनके आशीर्वाद की महिमा का अहसास कराता है।
Bholenath Ki Deewani Gaura Rani Lage Bhajan Lyrics
भोलेनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,
गौरा रानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।।
नमः शिवाय महामंत्र से,
भोले को मनाया,
सुबह शाम आठों याम,
शिवजी को ही ध्याया,
गौरा मैया की ये लीला,
तो सुहानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।।
शिव का योगी रूप,
मैया गौरा जी को भाया,
हिमाचल की एक ना मानी,
छोड़ी सारी माया,
मन को मोहने वाली,
मीठी वाणी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।।
भोलेनाथ की सेवा में तो,
सारा सुख है पाया,
शिव शक्ति रूप बनकर,
जग को है बचाया,
गौरी शंकर की ये प्रीत,
पुरानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।।
नीलकंठ के स्वामी तुम्हरी,
बात नहीं टालते,
इस जग की वो डोर अपने,
हाथों में सँभालते,
बड़ी सच्ची तेरी अमर,
कहानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।
भोलेंनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।।
भोलेनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,
गौरा रानी लागे,
शिव संग में विराजी तो,
महारानी लागे।।
“भोलेनाथ की दीवानी गौरा रानी लागे” भजन भगवान शिव और माता पार्वती के अपार प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इस भजन के माध्यम से हमें यह समझ में आता है कि शिव और पार्वती का संबंध न केवल दिव्य है, बल्कि भक्ति और श्रद्धा का आदर्श भी है। इस भजन के साथ ही आप शिव जी के अन्य भजनों जैसे भोलेनाथ की महिमा, शिव शंकर बम बम और शिव शंकर की कृपा को पढ़ें और भगवान शिव तथा माता पार्वती के आशीर्वाद से जीवन को और भी शुद्ध करें।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile