Bhole Shankar Kidhar Se Aaye
पार्वती के जीवन मे,
पड़े भोलेनाथ के पाँव,
विचित्र हुये है देखो,
पार्वती के मन के भाव……
तुम भोले शंकर किधर से आए,
आते ही गौरा के मन मे समाए,
तुम भोले शंकर किधर से आए,
आते ही गौरा के मन मे समाए,
तुम्हे जब निहारे मन संभल ना पाए,
तुम्हे जब निहारे मन संभल ना पाए,
तुम तीनो लोक के स्वामी,
सुन ले अबकी इक वारी अरज़ हमारी,
के नाता जन्मो का तुमसे,
मन ही मन ये सोच लिया,
के नाता जन्मो का तुमसे,
मन ही मन ये सोच लिया…..
प्रेम हुआ मुझे सखी समझाए,
पानी ना भोजन अब मोहे भाए,
प्रेम हुआ मुझे सखी समझाए,
पानी ना भोजन अब मोहे भाए,
करू क्या हाथो से मन निकला जाए,
करू क्या हाथो से मन निकला जाए,
तुम तीनो लोक के स्वामी,
सुन ले अबकी इक वारी अरज़ हमारी,
के नाता जन्मो का तुमसे,
मन ही मन ये सोच लिया,
के नाता जन्मो का तुमसे,
मन ही मन ये सोच लिया…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile