भोले बाबा का रूप निराला प्रकाश माली भजन लिरिक्स

भोले बाबा का रूप निराला जिसे स्वर दिया है लोकप्रिय भजन गायक प्रकाश माली जी ने। यह भजन भगवान शिव के उस निराले और अद्वितीय रूप की महिमा गाता है, जो पूरे सृष्टि में विलक्षण और अलौकिक है। जब कोई भक्त इस भजन को पढ़ता है, तो वह भोलेनाथ के भव्य रूप, उनकी सहजता, और उनकी करुणा को अपने हृदय में अनुभव करता है, मानो स्वयं शिव जी साक्षात दर्शन दे रहे हों।

Bhole Baba Ka Roop Nirala Prakash Mali Bhajan Lyrics

श्लोक-
शिव समान दाता नहीं,
और विपत विदारण हार,
लज्जा सबकी राखियो,
शिव नंदी के असवार।

भोले बाबा का रूप निराला,
शिव शंकर का रूप निराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।

भोले अंग पे भभूत रमाई रे,
भोले अंग पे भभूत रमाई,
तूने जटा से गंग बहाई,
तेरे हाथो में विष का प्याला,
है कैलाश पे वासा,
लहराए चले आए रे

भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।

भोले शीश जटा में चंदा रे,
भोले शीश जटा में चंदा,
चमके कोटि थारे प्रकाशा,
तन पे है मृगछाला,
गले में रुण्डमाला,
लहराए चले आए रे

भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।

भोले महिमा का खेल निराला रे,
भोले महिमा का खेल निराला,
भोले भक्तो का करे निस्तारा रे,
तेरे संग में भूतन का तोड़ा,
लागे गजब रा दौड़ा,
लहराए चले आए रे।

भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।

भोले शंकर रूप बणायो,
हे भोले शंकर रूप बणायो,
तूने तांडव नृत्य रचायो रे,
तेरे भक्त गाए गुण थारा,
भक्तो रा रखवाला,
लहराए चले आए रे

भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।

भोले बाबा का रूप निराला,
शिव शंकर का रूप निराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।

“भोले बाबा का रूप निराला” भजन शिव जी के अप्रतिम स्वरूप, उनकी सादगी और शक्ति का जीवंत चित्र प्रस्तुत करता है। ऐसा भजन करने या पढ़ने से मन शिवमय हो जाता है और भक्ति की अनुभूति गहराई तक पहुँचती है। यदि यह भजन आपके हृदय को छूता है, तो आप “चले भोले बाबा लिए संग बाराती”, “पारवती शिवजी से बोली नीलकंठ योगेश्वर”, “डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा”, और “भोले भंडारी त्रिपुरारी तेरे शीश बहे गंगा प्यारी” जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और शिव भक्ति में डूब जाएं।

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