भोला भांग खाओगे या दम लगाओगे भजन लिरिक्स

भोला भांग खाओगे या दम लगाओगे भजन शिव शंकर के उस अनोखे और अलौकिक रूप को दर्शाता है, जिसमें वे संसारिक बंधनों से मुक्त होकर अपनी मस्ती में लीन रहते हैं। भोलेनाथ केवल प्रेम और भक्ति के भूखे हैं, उन्हें न तो किसी बाहरी चीज़ की जरूरत है और न ही किसी विशेष विधि-विधान की। उनकी भक्ति करने वाले भक्त भी उसी अलौकिक आनंद में मग्न हो जाते हैं, जिसमें सांसारिक सुख-दुख गौण हो जाते हैं। यह भजन हमें शिव की मस्ती, उनकी भक्ति के रस और उनके सहज-सरल स्वरूप से जोड़ता है, जो भक्तों को हर चिंता से मुक्त कर देता है।

Bhola Bhang Khaoge Ya Dam Lagaoge

एक भूत शिव से बोला,
काँधे पे रख के झोला,
भोला भांग खाओगे,
या दम लगाओगे,
भोले भांग खाओगे,
या दम लगाओगे।1।

तेरी भांग में मस्ती बड़ी है,
पिए सारी ये बस्ती पड़ी है,
तू भी तो मस्तमोला,
तू भी तो मस्तमोला,
तेरे भक्त मस्तमोला,
भोले भांग खाओगे,
या दम लगाओगे।2।

आजा आजा ओ भूतों के राजा,
लाया देखो चिलम संग गांजा,
लाया आक और धतूरा,
लाया आक और धतूरा,
तेरा भोग पुरा पुरा,
भोले भांग खाओगे,
या दम लगाओगे।3।

तुम तो शमशान के बाबा वासी,
कभी उज्जैन और कभी काशी,
कलकत्ता नीमतल्ला,
कलकत्ता नीमतल्ला,
तेरे भक्त करे हल्‍ला,
भोले भांग खाओगे,
या दम लगाओगे।4।

हर घर में है तेरा ठिकाना
कहे भूतनाथ तुमको जमाना,
‘रोमी’ भी तुमसे बोला
‘रोमी’ भी तुमसे बोला,
काँधे पे रख के झोला,
भोले भांग खाओगे,
या दम लगाओगे।5।

एक भूत शिव से बोला,
काँधे पे रख के झोला,
भोला भांग खाओगे,
या दम लगाओगे,
भोले भांग खाओगे,
या दम लगाओगे।6।

भोला भांग खाओगे या दम लगाओगे भजन शिवजी की उस अनोखी भक्ति का प्रतीक है, जिसमें न कोई बंधन है और न कोई कठिनाई—बस श्रद्धा और समर्पण ही सब कुछ है। जो भी भक्त सच्चे मन से महादेव को याद करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। महादेव का स्मरण हमें हर संकट से बचाता है और जीवन में आनंद व सुख लाता है। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो भोले तेरा डम डम डमरू बाजे, भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है, डमरू बजा रहे भोले, और महाकाल की बारात में भी करें। इन भजनों को पढ़कर आपका मन शिव भक्ति में डूब जाएगा और महादेव की कृपा सदा बनी रहेगी। 🚩🙏✨

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