Badi Door Se Chalkar Aaya Hoon Mere Bhole Tere Darshan Ke Liye
बड़ी दूर से चलकर आया हू,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
मेरे भोले तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे रखने के लिए।।
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इक्छा सोने चांदी की,
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इक्छा सोने चांदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है,
झोली मेरी भरने के लिए,
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए।।
ना हिरे मोती सोना है,
ना धन दौलत की थैली है,
ना हिरे मोती सोना है,
ना धन दौलत की थैली है,
दो आंसू बचाकर लाया हूँ,
पूजा तेरी करने के लिए,
बड़ी दूर से चल कर आया हू,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए।।
जब भक्त उस महांकाल के दरबार में,
उस बाबा के दर्शन करते है,
तब उनका मन एक ही बात कहता है :
मेरे बाबा मेरी इक्छा नही,
अब यहाँ से वापस जाने की,
मेरे बाबा मेरी इक्छा नही,
अब यहाँ से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी,
मुझे जीवन भर रहने के लिए,
बड़ी दूर से चल कर आया हू,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हू,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
मेरे भोले तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे रखने के लिए।।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile