और घोटो भोलेनाथ भंगिया और घोटो

भगवान शिव का भांग, धतूरा और गंगा जल से विशेष संबंध है। वे अघोरियों के भी देवता हैं और साधु-संत उनकी भक्ति में लीन होकर उन्हें प्रिय भांग अर्पित करते हैं। और घोटो भोलेनाथ भंगिया और घोटो भजन शिव जी की उसी भक्तिमय मस्ती और अलौकिक आनंद को दर्शाता है। जब हम इस भजन का पाठ करते हैं, तो हमें शिव जी की तल्लीनता, उनकी भक्ति और उनके अलौकिक रूप की अनुभूति होती है।

Aur Ghoto Bholenath Bhangiya Aur Ghoto

और घोटो और घोटो
और घोटो भोलेनाथ,
भंगिया और घोटो।1।

भोले तेरी भंगिया,
विष्णु जी ने पी लयी,
विष्णु जी ने पी लयी,
ब्रम्हा जी ने पी लयी,
ये रह गई वो रह गई,
मैं रह गई भोलेनाथ,
भंगिया और घोटो।2।

भोले तेरी भंगिया,
राम जी ने पी लयी,
राम जी ने पी लयी,
लक्ष्मण जी ने पी लयी,
ये रह गई वो रह गई,
मैं रह गई भोलेनाथ,
भंगिया और घोटो।3।

भोले तेरी भंगिया,
कान्हा ने पी लयी,
कान्हा ने पी लयी,
बलराम ने पी लयी,
ये रह गई वो रह गई,
मैं रह गई भोलेनाथ,
भंगिया और घोटो।4।

भोले तेरी भंगिया,
सतगुरु ने पी लयी,
सतगुरु ने पी लयी,
सारी सांगत ने पी लयी,
ये रह गई वो रह गई,
मैं रह गई भोलेनाथ,
भंगिया और घोटो।5।

और घोटो और घोटो
और घोटो भोलेनाथ,
भंगिया और घोटो।6।

महादेव भोलेनाथ अपने भक्तों को सदा आनंद और भक्ति के रंग में रंग देते हैं। उनकी भक्ति में हर क्षण मस्ती और दिव्यता का संचार होता है। “और घोटो भोलेनाथ भंगिया और घोटो” भजन की तरह “बम बम भोले जय शिव शंकर”, “शंकर मेरे मस्त मलंग”, “डमरू वाला आया है”, और “भोले की बारात” जैसे भजन भी हमें शिव जी की भक्ति में डुबो देते हैं। आइए, इन भजनों का पाठ करें और महादेव की कृपा प्राप्त करें। 🔱🙏

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