औघड़ दानी रहा अलख जगा भजन लिरिक्स

औघड़दानी भोलेनाथ, जो बिना किसी भेदभाव के अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं, सदा अलख जगाने वाले देव हैं। औघड़ दानी रहा अलख जगा भजन हमें शिवजी के उस रूप से परिचित कराता है, जहाँ वे संन्यासी, योगी और दयालु भगवान के रूप में भक्तों का कल्याण करते हैं। जो भी उन्हें सच्चे मन से पुकारता है, वे उसकी झोली भर देते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और शिव भक्ति के सागर में डूब जाएं।

Aughad Dani Raha Alakh Jaga

औघड़ दानी रहा अलख जगा,

दोहा – जन्म लिए श्री कृष्ण कन्हाई,
जग में हुआ उजाला,
नाची धरती झूमा अम्बर,
लो आया भक्तों का रखवाला।
खुली समाधी भोले की,
हुई श्याम दरश की चाह,
बनके औघड़ चढ़ नंदी पे,
बाबा चले गोकुल की राह।

औघड़ दानी रहा अलख जगा,
मैया तुम्हारे दर पे खड़ा,
औघड दानी रहा अलख जगा,
औघड दानी रहा अलख जगा।1।

अंग भभूति तन मृग छाला,
सर्पो के गहने रे गले मुंडमाला,
देख डर जाएगा रे मेरा लाडला,
देख डर जाएगा रे मेरा लाडला।2।

कण कण में मैया वास है जिनका,
जन जन को अहसास है जिनका,
कालो का काल है जो सबसे बड़ा,
औघड दानी रहा अलख जगा,
औघड दानी रहा अलख जगा।3।

हिरे लेजा मोती लेजा भरभर थाल तू,
मांग ले जो चाहे जोगी मैं तत्काल दूँ,
लेके घर जा रे तू क्यों जिद पे अड़ा,
लेके घर जा रे तू क्यों जिद पे अड़ा।4।

दिखा दे झलक मैया अपने सपूत की,
दर्शन की भिक्षा डालो झोली अवधूत की,
लाल तुम्हारा मेरे चित पे चढ़ा,
औघड दानी रहा अलख जगा,
औघड दानी रहा अलख जगा।5।

रोया कन्हैया मैया घबराई,
गोद में उठाकर दौड़ी दौड़ी आई,
नज़र ना लगाना तेरा होगा भला,
नज़र ना लगाना तेरा होगा भला।6।

दर्शन करके शिव त्रिपुरारी,
नाचे रे भोला मेरा देख बिहारी,
मौका है चोखा ‘लख्खा’ झूमझूम गा,
मौका है चोखा ‘लख्खा’ झूमझूम गा।7।

औघड़ दानी रहा अलख जगा,
मैया तुम्हारे दर पे खड़ा,
औघड दानी रहा अलख जगा,
औघड दानी रहा अलख जगा।8।

भोलेनाथ औघड़दानी हैं, वे बिना मांगे ही अपने भक्तों को असीम कृपा से सराबोर कर देते हैं। इस भजन में उनकी अलौकिक महिमा का गुणगान किया गया है। यदि आप शिवजी की भक्ति में और अधिक रमना चाहते हैं, तो भोलेनाथ कृपा बरसाओ, हर हर महादेव की गूंज, शिव शंभू मेरे मन बसे और महाकाल की महिमा अपार जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव आराधना में लीन हों। 🚩🔱

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