Aaya Sawan Suhana Hai
आया सावन सुहाना है शिव के घर जाना है,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..
नहीं देखा में उसको नहीं देखा वो मुझको,
फिर भी मन ये माने महादेव सदा उसको,
में ऐसे समझता हूँ सब साथ पुराना है,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..
कहते हैं सब मुझको भोला भंडारी है,
जो शरण पड़ा उसकी हर विपदा टाली है,
ऐसे में पाऊँ तुम्हें होकर में दीवाना,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..
गल में सोहे इनके सर्पों की माला है,
रहता है मस्त सदा पिए भंग का प्याला है,
मस्तक चंदा सोहे कहता ये ज़माना है,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile