Aaja Aaja Bholenath
सुख पाऊँ थारे, पाया में पढ़के,
आजा आजा भोले नाथ, नंदी पर चढ़के,
गोरा के सुख पावे, जिदपे अड़के,
आज ब्याह रचावे, दुःख पावे तड़के….
दूल्हा बन जाओ त्रिपुरारी, संग में हो बारात भी सारी,
तू राजा की राजदुलारी, भोगे ऐश आनंदी सारी,
गेरू वर माला में आगे बढ़के….-2
आजा आजा भोले नाथ नंदी पर चढ़कर…..
भूत और प्रीत रहे मने घेरे, मेरे लगे श्मशान में डेरे,
जन्म जन्म के हो पति मेरे, थारे संग में ले लूं फेरे,
मर जागी गोरा भूखी सड़के….-2
आजा आजा भोले नाथ नंदी पर चढ़कर….
मेरे हो जाओ अविनाशी, में थारे दर्शन की प्यासी,
मने ना ममता मेर जरा सी, सुख पाऊं रह के संन्यासी,
फेरु थारी माला साँझ तड़के….-2
आजा आजा भोले नाथ नंदी पर चढ़कर…..
मैं शिव हूँ तू आदिशक्ति, मैं भगवान तू मेरी भक्ति,
जिसकी लगन थारे ते लगती, कदे ना माया उनको ठगती,
जावे ” भूलन ” मोह माया ते लड़के….-2
आजा आजा भोले नाथ नंदी पर चढ़कर…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile