शिव पंचाक्षर मंत्र नमः शिवाय

Shiv Panchakshar Mantra | शिव पंचाक्षर मंत्र

शिव पंचाक्षर मंत्र शिव के आराधना के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र का जाप भगवान शिव को अति शीघ्र प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस Shiv Panchakshar Mantra को सबसे पहला मंत्र माना जाता है। यह शिव मंत्र बहुत ही सरल और प्रभावी … Read more

शिव गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय ,धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात॥

Shiv Gaytri Mantra | शिव गायत्री मंत्र : शक्तिशाली शिव मंत्र

शिव गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका जाप सभी लोगों को करना चाहिए। यह मंत्र शिव की स्तुति और भक्ति के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध मंत्र है। इस Shiv Gaytri Mantra का सच्ची श्रद्धा से जाप करने से भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, और भक्तो की सारी मनोकामनाओं को पूरा कर देते … Read more

शिव मंत्र शिव पंचाक्षर मंत्र महामृत्युंजय मन्त्र  शिव रूद्र मंत्र  शिव गायत्री मंत्र  शिव ध्यान मंत्र  एकादश रूद्र मंत्र

Shiv Mantra | शिव मंत्र

महादेव अर्थात शिव की पूजा में शिव मंत्र का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। शिव की पूजा पुरे भारत वर्ष में किया जाता है। Shiv Mantra के जाप से विशाल शक्ति और साहस का अनुभव होता है। इनकी मंत्रो का जाप करने से भक्तों के जीवन में किसी भी प्रकार की विपदा या कष्ट हो खत्म … Read more

शिव चालीसा दोहा जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला। भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुण्डल नागफनी के।१। अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन क्षार लगाए। वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे, छवि को देखि नाग मन मोहे।२। मैना मातु की हवे दुलारी,बाम अंग सोहत छवि न्यारी। कर त्रिशूल सोहत छवि भारी,करत सदा शत्रुन क्षयकारी।३। मात-पिता भ्राता सब होई, संकट में पूछत नहिं कोई। स्वामी एक है आस तुम्हारी, आय हरहु मम संकट भारी।४। देवन जबहीं जाय पुकारा, तब ही दुख प्रभु आप निवारा। किया उपद्रव तारक भारी, देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी।५। तुरत षडानन आप पठायउ, लवनिमेष महँ मारि गिरायउ। आप जलंधर असुर संहारा, सुयश तुम्हार विदित संसारा।६। त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई, सबहिं कृपा कर लीन बचाई। किया तपहिं भागीरथ भारी, पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी।७। दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं, सेवक स्तुति करत सदाहीं। वेद माहि महिमा तुम गाई, अकथ अनादि भेद नहिं पाई।८। प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला, जरत सुरासुर भए विहाला। कीन्ही दया तहं करी सहाई, नीलकण्ठ तब नाम कहाई।९। पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा, जीत के लंक विभीषण दीन्हा। सहस कमल में हो रहे धारी, कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी।१०। एक कमल प्रभु राखेउ जोई, कमल नयन पूजन चहं सोई। कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर, भए प्रसन्न दिए इच्छित वर।११। जय जय जय अनन्त अविनाशी, करत कृपा सब के घटवासी। दुष्ट सकल नित मोहि सतावै, भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै।१२। त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो, येहि अवसर मोहि आन उबारो। लै त्रिशूल शत्रुन को मारो, संकट ते मोहि आन उबारो।१३। मात-पिता भ्राता सब होई, संकट में पूछत नहिं कोई। स्वामी एक है आस तुम्हारी, आय हरहु मम संकट भारी।१४। धन निर्धन को देत सदा हीं, जो कोई जांचे सो फल पाहीं। अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी, क्षमहु नाथ अब चूक हमारी।१५। शंकर हो संकट के नाशन, मंगल कारण विघ्न विनाशन। योगी यति मुनि ध्यान लगावैं, शारद नारद शीश नवावैं।१६। नमो नमो जय नमः शिवाय, सुर ब्रह्मादिक पार न पाय। जो यह पाठ करे मन लाई, ता पर होत है शम्भु सहाई।१७। ॠनियां जो कोई हो अधिकारी, पाठ करे सो पावन हारी। पुत्र होन कर इच्छा जोई, निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई।१८। पण्डित त्रयोदशी को लावे,ध्यान पूर्वक होम करावे। त्रयोदशी व्रत करै हमेशा,ताके तन नहीं रहै कलेशा।१९। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे शंकर सम्मुख पाठ सुनावे। जन्म जन्म के पाप नसावे,अन्त धाम शिवपुर में पावे।२०। कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी,जानि सकल दुःख हरहु हमारी। दोहा नित्त नेम उठि प्रातः ही,पाठ करो चालीसा॥ तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश॥ मगसिर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान॥ स्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण॥

Shiv Chalisa | शिव चालीसा : धार्मिक भक्ति पाठ

शिव चालीसा का हमारे हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है जो भगवन शिव की भक्ति और उपासना के लिए समर्पित है। भगवान शिव को क्रोध और शांति का देवता कहा जाता है भोलेनाथ के चालीसा का पाठ करना बहुत ही उत्तम और लाभदायक माना गया है। यदि आप भगवान शिव की असीम कृपा पाना चाहते हैं … Read more

शिव चालीसा pdf शिव की आराधना का एक आसान साधन होता है जिसे डाउनलोड कर इसके उपयोग से आप अपने भक्तिमय जीवन को और भी उजागर एवं सुन्दर कर सकते हैं।

Shiv Chalisa PDF | शिव चालीसा PDF

शिव चालीसा pdf शिव की आराधना में एक आसान साधन हो सकता है। इस पीडीएफ को आप आसानी से प्राप्त कर सकते है और डाउनलोड करके अपने समय के अनुसार इसका पाठ कर सकते है। Shiv Chalisa Pdf का पाठ किसी विशेष कार्य को सिद्ध करने के लिए भी किया जा सकता है। पीडीएफ में … Read more

भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम, हज़ारों तेरे नाम हज़ारों तेरे नाम। एक नाम लिया मैंने गणपति जी आए, भोले बाबा वेदों में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने ब्रह्मा जी आए, भोले बाबा सृष्टि में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने विष्णु जी आए, भोले बाबा शंखो में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने शंकर जी आए, भोले बाबा डमरू में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने राम जी आए, भोले बाबा धनुष में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने कान्हा जी आए, भोले बाबा बंसी में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने नारद जी आए, भोले बाबा वीणा में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... एक नाम लिया मैंने दुनिया में आए, भोले बाबा भक्तों में तेरा नाम, भोले बाबा हज़ारों तेरे नाम... मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा... है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे... पीकर भांग का प्याला नाच रहे है भोले बाबा... कह देना डमरू वाले से तेरे द्वारे पुजारी आया है... लगन तुमसे लगा बैठे है जो होगा देखा जायेगा... ओ डमरू वाले ओ काशी वाले... शिव कैलाशो के वासी... तू शिव शिव जप लें रे प्राणी... सुबह सुबह ले शिव का नाम... महादेव शंकर है जग से निराल... दानी बड़ा ये भोलेनाथ है... मेरे सर पर रख दो बाबा अपने ये दोनों हाथ... चढ़ा लो लोटा जल भरके... हे त्रिपुरारी गंगाधरी... हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ... भोले बाबा तुम्हारा मै दीवाना... बम बम भोले बोले योगिया... लगी मेरी तेरी संग लगी ओ मेरे शंकरा... मेरा भोला है भंडारी करता नंदी की सवारी...

Shiv Bhajan | शिव भजन

शिव की भक्ति और पूजा में शिव भजन का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। Shiv Bhajan करना बहुत ही शुभ माना जाता है क्युकि भजन करने से मन और आत्मा शुद्ध हो जाता है। इन भजनो में भोलेनाथ की दिव्यता, शक्ति, महिमा और तपस्या का वर्णन मिलता है। भजन को महाशिवरात्रि, सावन महीना, नागपंचमी और अन्य … Read more

महामृत्युंजय मंत्र | Mahamrityunjaya Mantra : मृत्यु से मुक्ति

महामृत्युंजय मंत्र हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण मंत्रों में से एक है, जो मृत्यु के प्रति समर्पित है। Mahamrityunjaya Mantra का जाप करने से यह माना जाता है कि व्यक्ति को मृत्यु से मुक्ति मिलती है। यह मंत्र भगवान शिव की आराधना का प्रतीक है, जिसका अर्थ है “मृत्यु को जीतने वाला”। यह शिव मंत्र न केवल शारीरिक … Read more

Shiv Panchakshar Stotra Lyrics नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय...! भस्माङ्गरागाय महेश्वराय !! नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय...! तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥ मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय...! नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय !! मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय...! तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥ शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द...! सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय !! श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय...! तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥ वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य...! मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय !! चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय...! तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥ यक्षस्वरूपाय जटाधराय...! पिनाकहस्ताय सनातनाय !! दिव्याय देवाय दिगम्बराय...! तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥ पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ !! शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते !!

शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Shiv Panchakshar Stotra Lyrics : नमः शिवाय का गुणगान

शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव के गुणों का बखान करने वाला एक प्रमुख स्तोत्र है जिसे हमारे हिन्दू धर्म में अधिक महत्व दिया जाता है। इस स्तोत्र में पाँच अक्षरों का (नमः शिवाय) महत्त्वपूर्ण गुणगान होता है, जो भगवान शिव की महत्त्वपूर्ण  बातों को बताता है।यह Shiv Panchakshar Stotra Lyrics व्यक्ति के मन को शांत रखता है बुद्धि और … Read more

Dwadash Jyotirling Stotram सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ! भक्तप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये !! १ !! श्रीशैलशृङ्गे विविधप्रसङ्गे शेषाद्रिशृङ्गेऽपि सदा वसन्तम् ! तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेनं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् !! २ !! अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ! अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् !! ३ !! कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ! सदैव मान्धातृपुरे वसन्तं ओङ्कारमीशं शिवमेकमीडे !! ४ !! पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसं तं गिरिजासमेतम् ! सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि !! ५ !! याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः ! सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये !! ६ !! महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः ! सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे !! ७ !! सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे ! यद्दर्शनात् पातकं पाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे !! ८ !! श्रीताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसङ्ख्यैः ! श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि !! ९ !! यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च ! सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि !! १० !! सानन्दमानन्दवने वसन्तं आनन्दकन्दं हतपापबृन्दम् ! वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये !! ११ !! इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् ! वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये !! १२ !! ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण ! स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च !! !! इति श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र पूर्ण !!

द्वादश ज्योतिर्लिंग | Dwadash Jyotirling Stotram : दर्शन से अध्यात्म जीवन सफल

हिन्दू मान्यता के अनुसार जब तक आप द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर लेते तब तक आप अध्यात्म जीवन पूर्ण नहीं माना जाता है। ये सभी ज्योतिर्लिंग सामान्य नहीं होते है ,ऐसा माना जाता है की इन बारह जगहों पर भगवान भोलेनाथ ने खुद दर्शन दिए तब जाकर ये ज्योतिर्लिंग उतपन्न हुए हैं। इन ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने … Read more

Shiv Tandav Stotram जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले- गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् !! डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं- चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् !!१!! जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी- विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि !! धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके- किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम !!२!! धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर- स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे !! कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि- क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि !!३!! जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा- कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे !! मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे- मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥ सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर- प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः !! भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक- श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥ ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा- निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् !! सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं- महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥ करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल- द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके !! धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक- प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम !!७!! नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्- कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः !! निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः- कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः !!८!! प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा- वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् !! स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं- गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे !!९!! अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी- रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् !! स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं- गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे !!१०!! जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस- द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् !!। धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल- ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः !!११!! दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्- गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः !! तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः - समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम !!१२!! कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्- विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् !! विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः - शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् !!१३!! निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका- निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः !! तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं- परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः !!१४!! प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी- महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना !! विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः - शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् !!१५!! इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं- पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् !! हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं- विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् !!१६!! पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं- यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे !! तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां- लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः !!१७!! !! इति श्रीरावण कृतम् शिव ताण्डव स्तोत्रम्सम्पूर्णम् !!

Shiv Tandav Stotram | शिव तांडव स्तोत्र : शिव जी को प्रसन्न करने का मंत्र

शिव तांडव स्तोत्र की रचना रावण द्वारा किया गया है। इस स्तोत्र में 17 श्लोकों से भगवान शिव की स्तुति की गयी है। यह स्तुति भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। Shiv Tandav Stotram का पाठ करने से घर में धन -संपत्ति … Read more