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शिव तांडव स्तोत्र HD इमेज | Shiv Tandav Stotram Hd Image : रौद्र रूप का अद्भुत दर्शन

आज के डिजिटल युग में शिव तांडव स्तोत्र HD इमेज भी अब ऑनलाइन उपलब्ध है। Shiv Tandav Stotram Hd Image में शिव के तांडव रूप, उनके जटाओं में गंगा, उनके सिर पर चंद्रमा, तीसरी आँख, और उनके हाथ में डमरू का अत्यंत ही सुन्दर और सजीव चित्रण किया गया है, जो भक्तों को मंत्रमुग्ध कर … Read more

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शिव तांडव स्तोत्रम PDF | Shiv Tandav Stotram PDF : शिव के रौद्र नृत्य का शक्तिशाली स्तोत्र

शिव तांडव स्तोत्रम PDF की तलाश आज के डिजिटल युग में बहुत प्रचलित हो गई है, क्योंकि इस स्तोत्र का पाठ करने वाले लोग इसे नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं। PDF फाइल की मदद से आप इसे कहीं भी और कभी भी पढ़ सकते हैं, जिससे यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए … Read more

शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्।1। जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी, विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके, किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम।2। धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर, स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे। कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि, क्वचिच्चिदम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि।3। जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा, कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे। मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे, मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि।4। सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर, प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः। भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक, श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः।5। ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा, निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम्। सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं, महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः।6। करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल, द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके। धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक, प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम।7। नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्कु, हूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः। निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः, कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः।8। प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा, वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम्। स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं, गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे।9। अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी, रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम्। स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं, गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे।10। जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस, द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट्। धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल, ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः।11। दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्ग, रिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः। तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः, समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम।12। कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्वि, मुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् । विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः, शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ।13। निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-, निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः। तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं, रिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः।14। प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी, महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना। विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः, शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्।15। इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं, पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम्। हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं, विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ।16। पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं, यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे। तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां, लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः।17। ॥ इति श्रीरावण कृतम् शिव ताण्डव स्तोत्र संपूर्णम॥

शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी | Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi

शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी शिव भक्तो के लिए एक अद्भुत साधन हो सकता है। इस स्तोत्र के लिरिक्स में भगवान शिव की स्तुति और शक्ति का वर्णन किया गया है। यह रावण द्वारा लिखा गया है, जो भगवान शिव का परम भक्त माना जाता था। इस तांडव के बोल में भगवान शिव के … Read more

Shiv Stuti 1

Shiv Stuti | शिव स्तुति : भगवान शिव के चमत्कार

शिव स्तुति, भगवान शिव की आराधना का एक ऐसा दिव्य माध्यम है, जो भक्तों को उनके अपार प्रेम, करुणा और शक्ति से जोड़ता है। शिव, जिन्हें भोलेनाथ, महादेव और त्रिनेत्रधारी के नाम से भी जाना जाता है, सृष्टि के पालनकर्ता और संहारक दोनों माने जाते हैं। Shiv Stuti का जाप और shiv ji ke bhajan … Read more

Shiv Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र

शिव पंचाक्षर स्तोत्र हमरे हिन्दू धर्म का अत्यधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है। Shiv Panchakshar Stotra श्लोक सभी शिव भक्तों के लिए आदर्श माना जाता है। इस स्तोत्र में भगवान शिव की असीम कृपा समाहित है जिसका अनुभव इस स्तोत्र का पाठ करने वाले भक्त कर सकते है। नियमित रूप से इस स्तोत्र का जाप करके भगवान शिव की विशेष … Read more

ॐ जय शिव ओमकारा जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा, ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा । ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे, हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे । ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे, त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे । ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी, चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी । ॥ ॐ जय शिव…॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे, सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे । ॥ ॐ जय शिव…॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता, जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता । ॥ ॐ जय शिव…॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका, प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका । ॥ ॐ जय शिव…॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी, नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी । ॥ ॐ जय शिव…॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे, कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे । ॥ ॐ जय शिव…॥

Om Jai Shiv Omkara | ॐ जय शिव ओमकारा : आरती लिखी हुई

ॐ जय शिव ओमकारा भगवान शिव की प्रसिद्ध आरती है, जिसे हिंदू धर्म के अनुयायी बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ गाते हैं। यह Om Jai Shiv Omkara आरती भगवान शिवजी के दिव्यता का गुणगान करती है और उनके शक्तिशाली, विनाशक और सृजनकर्ता रूप का बखान करती है। शिव जी को सभी देवताओं का देवता … Read more

Shiv Tandav Stotram Ringtone

Shiv Tandav Stotram Ringtone | शिव तांडव स्तोत्रम रिंगटोन

Shiv Tandav Stotram Ringtone एक छोटा ध्वनिक फाइल होता है। जिसे आप अपने मोबाइल फोन पर रिंगटोन के रूप में उपयोग कर सकते हैं। जब यह दिव्य स्तोत्र आपकी फोन की रिंगटोन बनेगा, तो हर बार फोन की घंटी बजने पर महादेव की उपस्थिति और शक्ति का एहसास होगा। यह न सिर्फ आपकी भक्ति को … Read more

शिव तांडव स्तोत्र लिरिक्स जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।  डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम॥1॥ जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी। विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं॥2॥  धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे। कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि॥3॥ जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे। मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि॥4॥  सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः। भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः॥5॥ ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम्‌। सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः॥6॥ कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके। धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम॥7॥ नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः। निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः॥8॥  प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌ स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे॥9॥ अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌। स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे॥10॥ जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट् धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः॥11॥ दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः। तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे॥12॥ कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्‌ विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्‌। विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मंत्रमुच्चरन्‌कदा सुखी भवाम्यहम्‌॥13॥ निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः। तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः॥14॥ प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना। विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्‌॥15॥ इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं पठन्स्मरन्‌ ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्‌। हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम॥16॥ पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे। तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः॥17॥ ॥ इति शिव तांडव स्तोत्रं संपूर्णम्‌॥

Shiv Tandav Stotra Lyrics | शिव तांडव स्तोत्र लिरिक्स

शिव तांडव स्तोत्र लिरिक्स आपके धार्मिक कार्यो में अत्यधिक उपयोगी हो सकता है। इसके प्रयोग से आप स्तोत्र को बिना किसी कठिनाई के पढ़ सकतें है और अपने पाठ को और प्रभावशाली बना सकते है। यह स्तोत्र भगवन शिव की भक्ति और स्तुति के लिए समर्पित है Shiv Tandav Stotram में भगवान शिव के तांडव … Read more

शिव अभिषेक ॐ नमः शिवाय ॐ शर्वाय नम: ॐ विरूपाक्षाय नम: ॐ विश्वरूपिणे नम: ॐ त्र्यम्बकाय नम: ॐ कपर्दिने नम: ॐ भैरवाय नम: ॐ शूलपाणये नम: ॐ ईशानाय नम: ॐ महेश्वराय नम: ॐ नमो नीलकण्ठाय ॐ पार्वतीपतये नमः ॐ पशुपतये नम: ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ॐ इं क्षं मं औं अं ॐ प्रौं ह्रीं ठः

Shiv Abhishek | शिव अभिषेक

शिव अभिषेक धार्मिक अनुष्ठानो में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसमे भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। शिव जी का अभिषेक हम सभी ने किया है लेकिन अपनी कामना पूर्ति के लिए अलग-अलग प्रकार से भक्तो द्वारा अभिषेक किया जाता है। Shiv Abhishek किसी विशेष अवसर पर करके महादेव … Read more

॥शिव ध्यान मंत्र॥ ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं, रत्नाकल्पोज्ज्चलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्। पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं, विश्वाद्यं विश्वबीजं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।

Shiv Dhyan Mantra | शिव ध्यान मंत्र

शिव ध्यान मंत्र का जाप भगवान शिव का ध्यान लगाने के लिए किया जाता है ध्यान भक्ति का वह स्वरुप है जिसे अपनाकर हम अपने इष्ट के बहुत करीब हो सकते है। पूजा करते समय यदि हम कुछ समय ध्यान में भी लगाए तो भगवान की कृपा बहुत जल्द प्राप्त हो सकती है। इस Shiv … Read more