Shiv Ji Ki Aarti Lyrics | शिव जी की आरती लिरिक्स

शिव जी की आरती लिरिक्स शिव भक्ति का एक अनमोल रत्न है। इस आरती के बोल भगवान शिव की महिमा का बखान करते है और भक्तों के दिलों में एक अद्भुत श्रद्धा और भक्ति की भावना पैदा करती है। जब हम ॐ जय शिव ओमकारा आरती को गाते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हम उनके चरणों में अपने मन और आत्मा को अर्पित कर रहे हैं। शिव के भक्त हर सोमवार को आरती गाते हैं, ताकि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो।

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics अत्यंत सरल है जिसे हर कोई गा और पढ़ सकता है। इस आरती में जो शब्द हैं, वे केवल उच्चारण नहीं हैं, बल्कि एक दिव्य संदेश हैं जो हमें सिखाते हैं कि कठिनाइयों में धैर्य रखना और सच्ची भक्ति से हर मुश्किल का सामना करना चाहिए। सम्पूर्ण shiv aarti bhajan के लिरिक्स को हमने आपके सुविधा के लिए निचे उपलब्ध कराया है।

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics

जय शिव ओंकारा…
ॐ जय शिव ओंकारा,
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।


॥ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे।


ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ,
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।


ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ।


ॐ जय शिव ओंकारा॥

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी,
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी।

॥ॐ जय शिव ओंकारा

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे,
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।


॥ॐ जय शिव ओंकारा ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ,
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ।


ॐ जय शिव ओंकारा ॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा,
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।


ॐ जय शिव ओंकारा ॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ।


ॐ जय शिव ओंकारा

शिव आरती के दौरान आप Shiv Mantra का जाप भी कर सकते है। इसके साथ ही आपके लिए हमने shiv aarti image को उपलब्ध कराया है जिसे आप डाउनलोड भी कर सकते हैं।

FAQ

क्या आरती को नियमित रूप से करना आवश्यक है ?

नहीं, इसे आप केवल विशेष अवसरों पर भी कर सकते है जैसे शिवरात्रि, सावन आदि।

आरती कब करनी चाहिए ?

शिव जी की आरती लिरिक्स को गीत के जैसे गा कर किया जा सकता है ?

शिव जी की आरती कोण कर सकता है ?

Share

Leave a comment