शिव गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका जाप सभी लोगों को करना चाहिए। यह मंत्र शिव की स्तुति और भक्ति के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध मंत्र है। इस Shiv Gaytri Mantra का सच्ची श्रद्धा से जाप करने से भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, और भक्तो की सारी मनोकामनाओं को पूरा कर देते है। जो भी भक्त इस शिव मंत्र का जाप करता है उसको शांति और साहस का अनुभव होता है।
इस मंत्र में भगवान शिव की असीम कृपा और दया समाहित है जिसे मंत्र के जाप से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। इस मंत्र का जाप करके आप पितृदोष, कालसर्प दोष तथा अन्य कष्ट देने वाले ग्रहों से मुक्ति पा सकते हैं। नीचे हमने आपके लिए इस मंत्र को और इसके जाप करने की विधि को विस्तार से बताया हैं, जो इस प्रकार है-
॥शिव गायत्री मंत्र॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय ,धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात॥
शिव जी के अन्य मंत्र भी होते हैं जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं – शिव ध्यान मंत्र, शिव पंचाक्षर मंत्र इत्यादि।
Shiv Gaytri Mantra का जाप करने की विधि
- स्नान – मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन ले।
- स्थान का चुनाव – स्नान के बाद आप ऐसे स्थान का चुनाव करे जहां जाप करते समय आपको कोई असुविधा न हो। पूजा स्थान को अच्छी तरह साफ और स्वच्छ कर लें।
- मूर्ति स्थापना: पूजा स्थल पर शिव की प्रतिमा को विधिपूर्वक स्थापित करें।
- अर्पित करें – आप भगवान शिव को गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, मदर या आक का फूल, दूध, चंदन, रोली, अक्षत इत्यादि चढ़ाते हुए गायत्री मंत्र का जाप करें।
- दीपक – गाय के घी से दीपक जलाकर बैठ जाये और ध्यान शुरू करें।
- जाप – सच्ची श्रद्धा और विश्वास से गायत्री मंत्र का जाप करें।
- आशीर्वाद – जाप खत्म करने के बाद आप अपने लिए भगवान से इच्छित आशीर्वाद मांगे।
- समापन: अंत में भगवान को अपने सुखद जीवन के लिए धन्यवाद करें।
मंत्र जाप के लाभ
- सुख शांति – शिव जी के गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में और घर में सुख शांति बनी रहती है।
- ग्रह दोष – गायत्री मंत्र के जाप से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है।
- कालसर्प दोष – इस मंत्र के जाप से आप कालसर्प दोष से मुक्ति पते हैं और अकाल मृत्यु से छुटकारा पा सकते है।
- बीमारी से मुक्ति – इसका जाप करने से आप जूझ रहे लम्बी बीमारी से धीरे-धीरे मुक्त होने लगते हैं। योग और ध्यान के साथ इस मंत्र का जाप करने से रोगों से बचाव और उपचार में भी मदद मिलती है।
- पारिवारिक क्लेश – घर में मंत्र का जाप करने से मन का दोष और पारिवारिक क्लेश खत्म हो जाते है।
- व्यवसाय और नौकरी – यदि आप अपने करियर के लिए इस मंत्र का जाप करते हैं तो भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होकर सफलता प्रदान करते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा – इस गायत्री मंत्र का जाप करने से आप प्रतिदिन सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते हैं और अपने कार्यों में पूरा ध्यान देते हैं।
- कामना पूर्ति – इस शिव मंत्र का जाप भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने में भी सहायक माना जाता है। जो भी व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से मंत्र जाप करता है, उसकी इच्छाएं अवश्य पूरी होती है।
- धन और समृद्धि – इसका जाप करने से आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की कृपा से भक्तो को पारिवारिक सुख, धैर्य और समृद्धि मिलती है।
- आध्यात्मिक विकास – शिव के मंत्र व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करते हैं और उसे आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। मंत्र जाप से भक्त को ध्यान की गहराई और शिव तत्व का साक्षात्कार होता है, जिससे जीवन में आध्यात्मिक जागृति होती है।
- कर्मों का शुद्धिकरण – इसका जाप व्यक्ति के कर्मों को शुद्ध करता है और उसे मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। यह जीवन की समस्त नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर करके साधक के जीवन में सकारात्मकता और सुकून लाता है
FAQ
शिव जी के गायत्री मंत्र का जाप किसको करना चाहिए ?
जो भी व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी तरह की परेशानी झेल रहा हो उन्हें इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिये।
इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए ?
इस मंत्र का जाप सुबह या शाम के समय ही करना चाहिए।
मंत्र का जाप किस दिन करना शुभ माना जाता है ?
आप अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन इस मंत्र का जाप कर सकते हैं, विशेष कर सोमवार के दिन जाप करना बहुत शुभ माना जाता है।
मंत्र का जाप कितनी बार करना चाइये ?
सामान्यतः मंत्र का जाप 108 बार करना शुभ माना जाता है लेकिन आप आने सुविधा के अनुसार इसका जाप कर सकती है।