Shiv Dhyan Mantra | शिव ध्यान मंत्र

शिव ध्यान मंत्र का जाप भगवान शिव का ध्यान लगाने के लिए किया जाता है ध्यान भक्ति का वह स्वरुप है जिसे अपनाकर हम अपने इष्ट के बहुत करीब हो सकते है। पूजा करते समय यदि हम कुछ समय ध्यान में भी लगाए तो भगवान की कृपा बहुत जल्द प्राप्त हो सकती है। इस Shiv Dhyan Mantra में शिव के एकाग्र रूप और ध्यान मुद्रा की उपासना की जाती है।

भगवान शिव के ध्यान मंत्र जाप करने से हम महादेव की असीम कृपा प्राप्त करते हैं और हमारे मन को एक अलग ही सुख शांति का अनुभव होता है। इस Shiv Mantra का जाप करने से मन में एकाग्रता आती है और मन संतुलन में रहता है। यहाँ हमने आपके लिए मंत्र और इससे होने वाले लाभों को विस्तार से बताया है।

॥शिव ध्यान मंत्र॥

ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं,
रत्नाकल्पोज्ज्चलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं,
विश्वाद्यं विश्वबीजं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।

शिव जी के अन्य लाभकारी मंत्र भी है – Shiv Panchakshar Mantra, Shiv Gaytri Mantra इत्यादि। इसका जाप कर आप भगवान शिव की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं।

Shiv Dhyan Mantra जाप करने की विधि 

  1. स्नान – ध्यान मंत्र का जाप शुरू करने से पहले आप सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और साफ वस्त्र पहन लें। 
  2. ठंढा पानी – ध्यान रहे गर्म मौसम में ठंढे पानी से स्नान करें क्युकि शीतल जल हमारे मन और शरीर को तरोताजा कर देता है जिससे ध्यान करने में आसानी होती है। 
  3. पूजा आसन – स्नान के बाद आप जिस भी स्थान पर मंदिर हो या अपने घर वहां पर आसन बिछाकर बैठ जाये।
  4. अभिषेक – शिव जी का दूध, गंगाजल  और फूलों से मंत्र का उच्चारण करते हुए अभिषेक करें। 
  5. अर्पित करें – अब आप शिव जी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, रोली, अक्षत, कपूर इत्यादि चढ़ाये। धतूरा, और बेलपत्र शिव जी को अत्यधिक प्रिय है और भांग शिव जी का प्रिय प्रसाद माना जाता है।
  6. दीपक जलाये – गाय के देशी घी से दीपक जलाये और हाथ जोड़कर महादेव को प्रणाम करें। 
  7. ध्यान मुद्रा – प्रणाम करके आप ध्यान मुद्रा में बैठ जाये और सच्ची श्रद्धा से ध्यान शुरू करे। 
  8. मंत्रों का उच्चारण – ध्यान करते वक्त आप शिव जी के मंत्रो का उच्चारण आप चाहे तो जोर से बोलकर, मन में बोलकर जिस तरह आपको सुविधा लगे वैसे शिव ध्यान कर सकते हैं। 
  9. आरती – मंत्र का जाप खत्म करके आप आरती करके पूजा को समाप्त करेआरती को सभी लोगो में वितरित कर दें।
  10. आशीर्वाद – अब आप भगवान शिव से अपने मन की शांति के लिए आशीर्वाद मांगे और अपने सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें।

मंत्र के जाप से होने वाले लाभ 

  • एकाग्रता – ध्यान मंत्र का जाप करने से आपका मन एकाग्रचित्त हो जाता है जिससे आपको कोई भी कार्य करने में आसानी होती है। 
  • मन की शांति – ध्यान मंत्र का जाप करने से मन की शांति प्राप्त होती है और आनंद का अनुभव होता है। 
  • शिव जी की कृपा – इस मंत्र का जाप करने से शिव जी की कृपा सदा आप पर बनी रहती है और वे अपने भक्तों के सदा करीब रहते हैं। 
  • कार्य क्षमता – मंत्र का जाप करने से आपके कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है और आप किसी भी कार्य को शीघ्रता से कर लेते है।
  • धन और समृद्धि – इसका जाप करने से आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
  • स्वास्थ्य – इस मंत्र के जाप से आप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। 
  • सकारात्मक शक्ति – इस मंत्र के जाप से आप सकारात्मक शक्ति से ऊर्जावान रहते है जिससे नकारात्मक शक्ति सदा आपसे दूर रहती है।
  • प्रेम – ध्यान मंत्र का जाप करने से आप लोगों के प्रति प्रेम का भाव रखेंगे किसी से घृणा की भावना नहीं होगी।
  • कर्म दोष से मुक्ति – इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को बुरे कर्मो से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह जीवन की समस्त नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर करके भक्त के जीवन में सकारात्मकता और सुकून लाता है।

मंत्र का नियमित जाप आपके जीवन को शांति, सुख, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसके साथ ही यह आध्यात्मिक प्रगति के मार्ग को प्रशस्त करता है और भक्त को भगवान शिव की दिव्य कृपा से अभिभूत करता है।

FAQ


 इस मंत्र का जाप किसे करना चाहिए ?

इस मंत्र का जाप जो मानसिक रूप से अशांत रहते हैं उन्हें करना चाहिए। 

शिव जी के ध्यान मंत्र का जाप कब कर सकते हैं ?

मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए ?

मंत्र का जाप कितनी बार करें ?

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