Shiv Chalisa | शिव चालीसा : धार्मिक भक्ति पाठ

शिव चालीसा का हमारे हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है जो भगवन शिव की भक्ति और उपासना के लिए समर्पित है। भगवान शिव को क्रोध और शांति का देवता कहा जाता है भोलेनाथ के चालीसा का पाठ करना बहुत ही उत्तम और लाभदायक माना गया है। यदि आप भगवान शिव की असीम कृपा पाना चाहते हैं और उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसका मात्र एक उपाय है- Shiv Chalisa का पाठ। इसके साथ ही आप इनके अन्य पाठ शिव तांडव स्तोत्र और शिव पंचाक्षर स्त्रोत्र को भी कर सकते हैं जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं।

शिव जी के चालीसा में शिव की तपस्या, प्रेम, त्याग, और महिमा का वर्णन किया गया है। इस चालीसा का नियमित पाठ करने से भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त होती है। इसके नियमित पाठ से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। चालीसा पाठ को नीचे सरलता और विस्तार से वर्णित किया गया है जो आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

शिव चालीसा

दोहा

जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल॥

चौपाई

जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुण्डल नागफनी के।१।

अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन क्षार लगाए।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे, छवि को देखि नाग मन मोहे।२।

मैना मातु की हवे दुलारी,बाम अंग सोहत छवि न्यारी।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी,करत सदा शत्रुन क्षयकारी।३।

मात-पिता भ्राता सब होई, संकट में पूछत नहिं कोई।
स्वामी एक है आस तुम्हारी, आय हरहु मम संकट भारी।४।

देवन जबहीं जाय पुकारा, तब ही दुख प्रभु आप निवारा।
किया उपद्रव तारक भारी, देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी।५।

तुरत षडानन आप पठायउ, लवनिमेष महँ मारि गिरायउ।
आप जलंधर असुर संहारा, सुयश तुम्हार विदित संसारा।६।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई, सबहिं कृपा कर लीन बचाई।
किया तपहिं भागीरथ भारी, पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी।७।

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं, सेवक स्तुति करत सदाहीं।
वेद माहि महिमा तुम गाई, अकथ अनादि भेद नहिं पाई।८।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला, जरत सुरासुर भए विहाला।
कीन्ही दया तहं करी सहाई, नीलकण्ठ तब नाम कहाई।९।

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा, जीत के लंक विभीषण दीन्हा।
सहस कमल में हो रहे धारी, कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी।१०।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई, कमल नयन पूजन चहं सोई।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर, भए प्रसन्न दिए इच्छित वर।११।

जय जय जय अनन्त अविनाशी, करत कृपा सब के घटवासी।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै, भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै।१२।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो, येहि अवसर मोहि आन उबारो।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो, संकट ते मोहि आन उबारो।१३।

मात-पिता भ्राता सब होई, संकट में पूछत नहिं कोई।
स्वामी एक है आस तुम्हारी, आय हरहु मम संकट भारी।१४।

धन निर्धन को देत सदा हीं, जो कोई जांचे सो फल पाहीं।
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी, क्षमहु नाथ अब चूक हमारी।१५।

शंकर हो संकट के नाशन, मंगल कारण विघ्न विनाशन।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं, शारद नारद शीश नवावैं।१६।

नमो नमो जय नमः शिवाय, सुर ब्रह्मादिक पार न पाय।
जो यह पाठ करे मन लाई, ता पर होत है शम्भु सहाई।१७।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी, पाठ करे सो पावन हारी।
पुत्र होन कर इच्छा जोई, निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई।१८।

पण्डित त्रयोदशी को लावे,ध्यान पूर्वक होम करावे।
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा,ताके तन नहीं रहै कलेशा।१९।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।
जन्म जन्म के पाप नसावे,अन्त धाम शिवपुर में पावे।२०।

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी,जानि सकल दुःख हरहु हमारी।

दोहा
नित्त नेम उठि प्रातः ही,पाठ करो चालीसा
तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश॥

मगसिर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान
स्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण॥

यहाँ आप shiv ji chalisa pdf को भी इसपर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं, जो आपके लिए एक सुविधाजनक साधन हो सकता है।

Shiv Chalisa पाठ की विधि 

चालीसा का पाठ करने की विधि निम्नलिखित प्रकार से है –

  1. स्नान- शिव जी की चालीसा पाठ पढ़ने से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहने।  
  2. पूजास्थान – अब आप पूजास्थान की भी सफाई कर ले। पूजा स्थान पर शिव जी की मूर्ति या चित्र को विधिपूर्वक स्थापित करें।
  3. जल चढ़ाये – भगवान शिव को पूरी श्रद्धा से जल चढ़ाये। आप जल के साथ-साथ शहद, दही आदि भी चढ़ा सकती है।
  4. पूजा –सबसे पहले आप बेलपत्र, रुद्राक्ष, धतूरा, दूध, चंदन, आक का फूल इत्यादि चढ़ाये।  
  5. प्रसाद- आप शिवजी को मिश्री या बतासा चढ़ाये क्योकी यह उनको अति प्रिय है।
  6. चालीसा का पाठ – देशी घी का दीपक जलाकर चालीसा का पाठ करें। पाठ करते समय उसके अर्थो पर विचार करें।
  7. ध्यान- अब आप सच्चे मन से शिव जी का ध्यान करें।
  8. आशीर्वाद- पाठ खत्म करने के बाद शिव को धन्यवाद दें और उनसे सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें।

पाठ करने के लाभ

  • ग्रह दोष- चालीसा का पाठ करने से ग्रहों के बुरे प्रभाव दूर होते हैं और मन व शरीर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • परिवारिक सुख- पाठ करने से परिवार में होने वाले झगड़े ख़त्म हो जाते है और परिवार के बीच प्यार बना रहता है।
  • मन की शांति- चालीसा का पाठ करने से मन शांत रहता है और सुख की प्राप्ति होती है। 
  • स्वास्थ्य- पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है हमे एक स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
  • संतान सुख- अगर कोई महिला नि: संतान है तो चालीसा का पाठ करे, ऐसा करने से उसको संतानसुख की प्राप्ति हो सकती है।
  • मनोकामनापूर्ण- चालीसा का पाठ श्रद्धा और मन से करने पर भगवान प्रसन्न होकर व्यक्ति की हर मनोकामनापूर्ण करते हैं।
  • अच्छा वर – शिव जी की चालीसा का पाठ करने से कुवारी लड़कियों को अच्छा वर प्राप्त होता होता है। 

FAQ

पाठ से पहले किसकी पूजा करनी चाहिए और क्यों?

पाठ से पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए क्योंकि शिव जी के आशीर्वाद से सबसे पहले गणेश जी की पूजा करना शुभ होता है।

इसका पाठ कितनी बार करना चाहिए?

चालीसा का पाठ कौन-कौन कर सकता है ?

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