शनि की साढ़े साती किस राशि पर है: जानें किन राशियों पर पड़ता है प्रभाव

शनि की साढ़े साती एक ऐसा ज्योतिषीय योग है, जो हर व्यक्ति के जीवन में गहरा प्रभाव डालता है। यह काल कुल मिलाकर साढ़े सात साल (साढ़े साती) का होता है। अब आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा की इस समय शनि की साढ़े साती किस राशि पर है? तो, आइए जानें कि वर्तमान में Shani Ki Sade Sati Kis Rashi Par Hai और इसका प्रभाव किन लोगों पर हो सकता है-

2025 Mien Shani Ki Sade Sati Kis Rashi Par Hai?

2023 में शनि कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर कर चुका है। और यह गोचर 2025 में भी प्रभावी रहेगा। शनि लगभग 2.5 साल तक एक राशि में रहता है, इसलिए इसका प्रभाव दीर्घकालिक होता है।

  1. मकर राशि – साढ़े साती का अंतिम चरण (3rd phase)
  2. कुंभ राशि – साढ़े साती का मध्य चरण (2nd phase)
  3. मीन राशि – साढ़े साती का प्रारंभिक चरण (1st phase)

इसका मतलब है कि कुंभ वालों की साढ़े साती समाप्ति की ओर है, जबकि मीन राशि वालों को अब अधिक मानसिक और भावनात्मक परीक्षाओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं मेष राशि वालों के लिए यह नई शुरुआत का समय है, जहाँ चुनौतियाँ धीरे-धीरे सामने आएंगी।

शनि साढ़े साती के चरण के प्रभाव राशियों पर कैसे पड़ते हैं?

  1. प्रारंभिक चरण: आपके लिए यह चरण परीक्षण की शुरुआत है। शनि आपको जिम्मेदारियों का एहसास कराएंगे। करियर, स्वास्थ्य और संबंधों में बदलाव के संकेत मिल सकते हैं। यह समय स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करने का है।
  2. अंतिम चरण: अब आपके लिए परिणामों का समय है। यदि आपने पिछले चरणों में ईमानदारी, संयम और कड़ी मेहनत का सहारा लिया है, तो यह समय आपके लिए फलदायी रहेगा। परंतु किसी भी प्रकार की लापरवाही या अहंकार हानि का कारण बन सकता है।
  3. मध्य चरण: यह चरण सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है। मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, और कार्यक्षेत्र में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। यह समय आत्मविश्लेषण और संयम का है। “शनि चंद्र युति” जैसे योग यदि कुंडली में हों, तो प्रभाव और अधिक गहरे हो सकते हैं।

शनि की साढ़े साती किस राशि पर है यह जानना ही काफी नहीं, बल्कि इसे समझकर उसके अनुरूप स्वयं को ढालना ही सच्ची ज्योतिषीय सलाह है। अगर आप जानना चाहते हैं कि “शनि चंद्र युति” या “शनि के 12 नामों” का जाप आपकी साढ़े साती में कैसे सहायक हो सकता है, तो वह जानकारी भी ज़रूर पढ़ें।

शनि की साढ़े साती में क्या करें?

  • व्रत रखें – श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत रखना शनि कृपा हेतु अत्यंत फलदायी माना गया है।
  • शनि मंत्र- जैसे: ॐ शं शनैश्चराय नमः का रोज़ कम से कम 108 बार जाप करें।
  • पीपल वृक्ष– शनिवार को पीपल पर जल चढ़ाएं, दीया जलाएं और परिक्रमा करें।
  • तेल दान – काले तिल व सरसों के तेल, काले कपड़े, काले चने, तिल का दान गरीबों, ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को करें।
  • दर्शन करें – विशेष रूप से शनिदेव के प्राचीन मंदिरों में दर्शन करना लाभकारी होता है।
  • हनुमानजी– हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें, हनुमानजी शनि के कष्टों से रक्षा करते हैं।
  • रत्न धारण– शनि का रत्न नीलम होता है, लेकिन बिना कुंडली जांच के इसे पहनना हानिकारक हो सकता है।

क्या न करें?

  • झूठ, धोखा और छल-कपट से दूर रहें, शनि देव न्यायप्रिय हैं और ऐसे कर्मों का दंड अवश्य देते हैं।
  • किसी गरीब, असहाय या श्रमिक का अपमान न करें।
  • शनिवार के दिन मांस, मदिरा या नशीली वस्तुओं का सेवन न करें।
  • काले कपड़े पहनकर गलत कार्य न करें।
  • नीलम रत्न बिना कुंडली जांच के न पहनें, नुकसानदेह हो सकता है।
  • नौकरी या कार्यक्षेत्र में अनैतिक व्यवहार न करें।
  • शनिवार को पीपल वृक्ष को काटना या नुकसान पहुँचाना वर्जित है, यह शनि की प्रतीक माना जाता है।
  • अंधविश्वास या झूठे तंत्र-मंत्र के चक्कर में न पड़ें।

Shani Ki Sade Sati Kis Rashi Par Hai ये जानने के बाद इससे डरने या घबराने की जरुरत नहीं है, क्योकि यह आपके लिए आत्ममंथन और सुधार का स्वर्ण अवसर भी बन सकता है।

FAQ

साढ़े साती के दौरान सबसे अधिक प्रभाव किस राशि पर होता है?

क्या शनि की साढ़े साती में विवाह, यात्रा या घर बनवाना सही है?

शनिवार को क्या विशेष पूजा करनी चाहिए?

क्या शनि की साढ़े साती से डरना चाहिए?

नहीं, डरने की आवश्यकता नहीं है। यह समय आत्ममंथन, परिश्रम और जीवन सुधार का होता है।

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