सूर्ये पुत्र है शनिदेवता

शनि देव, भगवान सूर्य के पुत्र और कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता हैं। वे न्यायप्रिय और अनुशासन के प्रतीक हैं, जो भक्तों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। सूर्ये पुत्र है शनिदेवता भजन में उनकी महिमा और दिव्यता का वर्णन किया गया है, जिससे भक्त उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से शनिदेव की वंदना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

Surye Putra Hai Shanidevata

सूर्ये पुत्र है शनिदेवता जिनकी निराली जग में बड़ी शान,
गुड तिल तेल से इन्हें जो पूजे देते उन्हें मंवांचित ये वरदान,

संकट के बादल सिर पे छा जाये तो मत गबराना,
श्रधा भाव और मन में धीर धर शनि देव की शरण में आना,
दुःख संकट पल में हर लेंगे विपद्वा का ये कर देंगे निधान,
गुड तिल तेल से इन्हें जो पूजे देते उन्हें मंवांचित ये वरदान,

बहित न करते कभी किसी का शनि देव है ऐसे किरपालु,
सब के बिगड़ी काम बना दे दया के सागर बड़े दयालु,
शोक मुक्त करके भगतो को समपंता करेगे उसे प्रधान
सूर्ये पुत्र है शनिदेवता जिनकी निराली जग में बड़ी शान

शनि देव की कथा की महिमा जग में कितनी पावन है,
सांचे या इसे श्रवण करे जो मुक्त करे आवन जावन से,
हो भरपूर हुए वेह तावता में शनि देव करे एसा कल्याण,
गुड तिल तेल से इन्हें जो पूजे देते उन्हें मंवांचित ये वरदान,

शनि देव की आराधना करने से न केवल बाधाएँ दूर होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सफलता का संचार भी होता है। उनकी कृपा पाने के लिए हमें सच्चे मन से उनकी भक्ति करनी चाहिए। यदि यह भजन आपको भक्तिभाव से भर दे, तो शनि चालीसा, शनि अष्टक, शनि स्तोत्र, और शनि देव की आरती को भी पढ़ें और शनि देव की असीम कृपा का अनुभव करें। 🙏

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