शनि देव केवल दंड देने वाले नहीं, बल्कि भक्तों के उद्धारक और कल्याणकारी भी हैं। उनकी कृपा से जीवन में संतुलन, न्याय और स्थिरता बनी रहती है। ओ शनि देव भजन उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक अद्भुत माध्यम है। जब हम इस भजन को पढ़ते या करते हैं, तो शनि देव की असीम शक्ति और दया का अनुभव कर सकते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से उनकी भक्ति में लीन हों।
O Shani Dev
सुनोगे तुमको तो सुनाऊंगा,
दिल की ये सारी बात,
ओ शनि देव…..
बन के जोगी तुम आये नन्द गांव,
रिद्धि सिद्धि तब बैठ पीपल की छाव,
खुश होकर कृष्ण ने, कोयल बन दर्शन,
धाम बना कैलाश, कष्ट हरे भगवन,
ओ शनि देव…..
श्रद्धा भक्ति से आये जो सिद्ध धाम,
किरपा करे सब पर, होते पूर्ण काम,
करे सेवा कोई तन से जो भी,
पल में धूल जाए पाप, ना होती देरी,
ओ शनि देव…..
आया सजन दर पे, लेकर मन की आस,
सफल करो प्रभु, जीवन की हर सास,
जो भी दर पे आये वो फल पाए,
कुदृष्टि का प्रकोप, पल में हो जाये अलोप,
ओ शनि देव…..
शनि देव की उपासना से भक्तों को कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शुभता का संचार होता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को न्याय, धैर्य और आत्मबल प्राप्त होता है। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगा, तो शनि चालीसा, शनि देव की स्तुति, शनि अष्टक, और शनि देव की आरती को भी पढ़ें और शनि देव की असीम कृपा का लाभ उठाएं। 🙏
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩