जब जीवन में दुखों का अंधकार गहरा हो जाता है, तब केवल ईश्वर की शरण ही सच्ची राहत देती है। शनि देव अपने भक्तों के हर दुख को हरने वाले हैं, वे अपने चरणों में आए हुए किसी भी भक्त को निराश नहीं करते। मैं हारी दुखयारी शनि देवा भजन एक भक्त की विनम्र प्रार्थना है, जिसमें वह शनि देव से कृपा की याचना करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से शनि देव की महिमा को नमन करें और उनकी दया प्राप्त करें।
Main Haari Dukhyari Shani Deva
मैं हारी दुखयारी शनि देवा करो किरपा मेरे शनि देवा
ओ मेरे देवा ओ शनि देवा
मैं तो घूमी दर बदर कोई आये न नजर,
सीवा तेरे मेरे शनि देवा,
मैं हारी दुखयारी शनि देवा करो किरपा मेरे शनि देवा
आँखे तरस गई राह तकते तेरी,
अब तो सुन लो अरज शनि देवा,
मैं हारी दुखयारी शनि देवा करो किरपा मेरे शनि देवा
कर्मो से हारी मैं इक दुखयारी मैं
लाज रखलो मेरी शनि देवा
मैं हारी दुखयारी शनि देवा करो किरपा मेरे शनि देवा
शनि देव की कृपा से दुख और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं और जीवन में एक नई रोशनी का संचार होता है। जो भी श्रद्धा और भक्ति से उनकी शरण में आता है, उसे वे अवश्य आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगा, तो शनि चालीसा, शनि अष्टक, शनि स्तोत्र, और शनि देव की आरती को भी पढ़ें और शनि देव की असीम कृपा का अनुभव करें। 🙏
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩