द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे

शनि देव के द्वार पर खड़ा भक्त कभी निराश नहीं लौटता। वे अपने भक्तों के कर्मों के अनुसार न्याय देते हैं, लेकिन जो सच्चे मन से उनकी शरण में आता है, उसे वे कष्टों से मुक्त कर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। द्वार खड़ी शनि देव तुम्हारे भजन शनि देव की कृपा और भक्तों पर उनकी दयालु दृष्टि का वर्णन करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से उनकी महिमा को नमन करें और उनकी शरण में स्वयं को समर्पित करें।

Dwar Khadi Shani Dev Tumhare

द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे किरपा करो शनि दया करो,
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे …..

तुम्हे मालुम सभी कुछ घेर खड़े है गम कितने
तुम से नही तो किस से कहे लाचार बड़े है हम कितने
तुम से है ये बिनती मेरी छमा करो अप्राद मेरे
भीड़ दुखो की घेरे खड़ी है कोई नही है साथ मेरे
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे …..

दुनिया की क्या बात करू मैं परछाई भी दुश्मन है
राहे हो गई अंगारों सी आग में जलता जीवन है
हाथ धरो मेरे सिर के ऊपर शीतल सी छाया करदो
हो जाए दुःख दूर हमारे तुम ऐसी माया करदो
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे …..

कब काटो गी देव हमारी किस्मत की जनजीरो को
रंग दो खुशियों से हाथो की इन बेरंग लकीरों को
नया करा है न्याए देवता दर दर की ठुकराई हु
नये मिलेगा यही सोच के द्वार तुम्हारे आई हु
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी शनी देव तुम्हारे …..

शनि देव की कृपा से जीवन के कठिन समय भी आसानी से पार हो जाते हैं और आत्मबल में वृद्धि होती है। जब हम श्रद्धा और समर्पण के साथ शनि देव की भक्ति करते हैं, तो वे हमें न्याय और सफलता का आशीर्वाद देते हैं। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगा, तो शनि चालीसा, शनि अष्टक, शनि स्तोत्र, और शनि देव की आरती को भी पढ़ें और शनि देव की असीम कृपा प्राप्त करें। 🙏

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