शैलपुत्री माता का भोग नवरात्रि के पहले दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से Shailputri Mata Ka Bhog बनाकर उन्हें अर्पित करता है, उसे माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। तो माता को कौन से भोग प्रिय है और कौन से भोग चढाने चाहिए इसकी पूरी जानकारी यहां दी गई है-
Shailputri Mata Ka Bhog की सामग्री

कहा जाता है की शैलपुत्री माँ को सफ़ेद रंग बहुत प्रिय होता है, इसलिए माँ को सफ़ेद रंग के भोग चढ़ाये जाते है। मां शैलपुत्री को भोग अर्पित करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है-
- शुद्ध देसी घी: माँ शैलपुत्री को शुद्ध देशी घी का भोग अर्पित करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
- यह माना जाता है कि घी का भोग चढ़ाने से भक्त के जीवन में आरोग्य (स्वास्थ्य) और समृद्धि आती है।
- सफेद मिठाई: माँ शैलपुत्री को सफेद रंग की मिठाई जैसे — पेड़ा, बर्फी, रबड़ी, रसगुल्ला दूध से बने अन्य मीठे पकवान अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है।
- खीर: शैलपुत्री माता का सबसे प्रिय भोग खीर माना जाता है। दूध, चावल और चीनी से बनी खीर को सफेद रंग का प्रतीक माना जाता है, और माँ को यह अत्यंत प्रिय होता है।
- नारियल: पूजा के दौरान नारियल चढ़ाना शुभ माना जाता है। भक्तजन माँ को नारियल भेंट कर मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं।
- पंचामृत: पंचामृत का अर्थ होता है पाँच अमृत — दूध, दही, घी, शहद, चीनी पूजा के दौरान पंचामृत से माता को स्नान कराकर भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है।
- फल (Fruits): माँ शैलपुत्री को फल का भोग भी अत्यंत प्रिय है। विशेष रूप से ये फल माता को अर्पित किए जाते हैं —केला, सेब, अनार, अंगूर, नारियल फल का भोग चढ़ाने से घर में सुख-शांति और निरोगी काया का आशीर्वाद मिलता है।
- गुड़ और चावल का भोग: प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, शैलपुत्री माता को गुड़ और चावल का भोग अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। यह भोग विशेष रूप से गरीबों, जरूरतमंदों और बच्चों को भी वितरित करना चाहिए।
- सफेद फूल: चूँकि माँ शैलपुत्री का रंग सफेद है और यह शांति और सौम्यता का प्रतीक है, इसलिए उन्हें सफेद रंग के फूल चढ़ाना अत्यंत शुभ होता है। जैसे — सफेद कमल, मोगरा, चमेली। इन फूलों का भोग करने से मन की शांति, स्वास्थ्य और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
- सात्विक भोजन: यदि कोई व्यक्ति माँ शैलपुत्री का विशेष भोग करना चाहता है, तो वह सात्विक भोजन बनाकर माता को भोग अर्पित कर सकता है। सात्विक भोजन में शामिल हो सकता है — खिचड़ी, पूरी-हलवा, फलाहार भोजन, साबूदाना खिचड़ी। सात्विक भोजन का भोग अर्पित करने से माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- मिश्री: माँ शैलपुत्री को मीठा बहुत पसंद है, इसलिए मिश्री (चीनी के छोटे टुकड़े) का भोग करना भी शुभ माना जाता है। यह भोग घर में आनंद, प्रेम और सौभाग्य को बढ़ाता है।
यह सामग्री भोग के लिए विशेष रूप से तैयार की जाती है और पूर्ण श्रद्धा भाव से माता को अर्पित की जाती है। यदि संभव हो तो इस भोग को गरीबों, ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान करें, इससे माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में अखंड सुख-समृद्धि आती है। माँ की आराधना में शैलपुत्री माता की आरती, शैलपुत्री चालीसा का पाठ और शैलपुत्री का मंत्र का जाप करना भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
शैलपुत्री माता को भोग अर्पित करने की विधि
- स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ करें और मां शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।
- एक चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएं और मां को विराजमान करें।
- दीपक प्रज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
- मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करें।
- अब श्रद्धा भाव से Shailputri Mata Ka Bhog माता को अर्पित करें।
- भोग अर्पण के बाद मां की आरती करें।
- अंत में भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
भोग अर्पण के दौरान नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है ताकि पूजा सफल हो और माता का आशीर्वाद प्राप्त हो। यदि आप नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को भोग अर्पित करते हैं तो आपके जीवन के सभी दुख-दर्द समाप्त हो जाएंगे और घर में सुख-समृद्धि का संचार होगा।
FAQ
माता का भोग क्यों महत्वपूर्ण है?
माता का भोग अर्पित करने से व्यक्ति के जीवन में आरोग्य (स्वास्थ्य), समृद्धि, सुख-शांति, और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मिलता है।
क्या शैलपुत्री माता के भोग में विशेष रंग का महत्व है?
जी हाँ, माता शैलपुत्री को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए भोग में सफेद मिठाई जैसे खीर, माखन, दूध, नारियल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
क्या नवरात्रि के अलावा भी शैलपुत्री माता को भोग अर्पित किया जा सकता है?
हाँ, नवरात्रि के अलावा भी प्रतिदिन या प्रत्येक सोमवार को माता शैलपुत्री को भोग अर्पित कर सकते हैं।
यदि भोग चढ़ाते समय कोई भूल हो जाए तो क्या करें?
यदि भोग चढ़ाते समय कोई भूल हो जाए तो मन ही मन माता से क्षमा याचना करें और पूरे भक्ति भाव से शैलपुत्री माता का मंत्र या चालीसा का पाठ करें।

मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile