सांवेर की धरती हनुमत साजे चले है इनकी मर्जी

सांवेर की धरती हनुमत साजे, चले हैं इनकी मर्जी यह भजन श्रद्धा और भक्ति से ओत-प्रोत एक सुंदर रचना है, जो हनुमान जी की महिमा और कृपा का गुणगान करती है। सांवेर, जोकि हनुमान भक्ति के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक है, वहां की पावन भूमि पर स्वयं बजरंगबली की छवि गूंजती है। जब आप मन से इस भजन का गायन करते हैं, तो वे अपने कष्टों से मुक्त होकर परम आनंद की अनुभूति प्राप्त करते हैं।

Sanwer ki dharti hanumat saaje, chale hai inki marji

सांवेर की धरती हनुमत साजे,
चले है इनकी मर्जी,
सांवेर की धरती।।

पाताल में जाकर जब बजरंग,
अहिरावन राज मिटाते है,
दिल बाग़ बाग़ हो जाता है,
जब राम हृदय मुस्काते है,
सुन के पतन की आवाजे,
सुन के पतन की आवाजे,
यु लगे कही विध्वंस जगे,
अरे राम लखन संग आते ही,
सेना के मन संग हर्ष जगे,
साँवेर की धरती हनुमत साजे,
चले है इनकी मर्जी,
सांवेर की धरती।।

बजरंग बाबा की यह प्रतिमा,
यहाँ उल्टा दर्शन देती है,
ग़म कोसो दूर हो जाता है,
कष्ट और पीड़ा हर लेती है,
सुन जयसियाराम के नारों से,
सुन जयसियाराम के नारों से,
नगर गगन पूरा जगे,
सांवेर नगर की यह भूमि,
इंदौर उज्जैन के मध्य बसे,
साँवेर की धरती हनुमत साजे,
चले है इनकी मर्जी,
सांवेर की धरती।।

सांवेर की धरती हनुमत साजे,
चले है इनकी मर्जी,
सांवेर की धरती।।

यह भजन भक्तों के हृदय में श्रद्धा और विश्वास को मजबूत करता है और हमें यह अनुभव कराता है कि हनुमान जी की कृपा से असंभव भी संभव हो सकता है। यदि आप हनुमान जी की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं, तो इनके अन्य भजनों जैसे – सुनलो विनती हे पवन कुमार, जलाई दियो रे हनुमान जी ने लंका, बता हनुमान पियारा रे भाई कुण से देश ते आया को भी करें। जिससे आपकी जीवन से समस्त बाधाएँ दूर हो जाती हैं। जय बजरंगबली! 

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