Santoshi Mata Ki Aarti | संतोषी माता की आरती : सुख, समृद्धि और वैभव

संतोषी माता की आरती भक्तों के जीवन में शांति, संतोष और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। Santoshi Mata Ki Aarti संतोषी माता के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। संतोषी माता को हिंदू धर्म में सौम्यता, सरलता और संतोष की देवी के रूप में पूजा जाता है।

भक्तजन मानते हैं कि माता संतोषी उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं, बस वे अपने मन और वचन से सच्चे बनें। शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत और उनकी आरती विशेष रूप से की जाती है, जिसमें खट्टे पदार्थों से परहेज़ किया जाता है। आरती के शब्द इतने मधुर और प्रभावशाली हैं कि इसे गाते ही मन और आत्मा में एक अलग ही सुकून का अहसास होता है।

Santoshi Mata Ki Aarti

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता…
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता॥

!! जय सन्तोषी माता !!

सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो…
हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो॥

!! जय सन्तोषी माता !!

गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे…
मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे॥

!! जय सन्तोषी माता !!

स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे…
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे॥

!! जय सन्तोषी माता !!

गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो…
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो॥

!! जय सन्तोषी माता !!

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही…
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही॥

!! जय सन्तोषी माता !!

मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई…
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई॥

!! जय सन्तोषी माता !!

भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै…
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै॥

!! जय सन्तोषी माता !!

दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए…
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए॥

!! जय सन्तोषी माता !!

ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो…
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो॥

!! जय सन्तोषी माता !!

चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे…
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे॥

!! जय सन्तोषी माता !!

सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे…
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे॥

!! जय सन्तोषी माता !!

यदि आप माता संतोषी की कृपा को प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आरती के साथ- साथ आप laxmi mata aarti, Durga Maa Ki Aarti एवं Durga Gayatri Mantra का पाठ कर सकते हैं। जो आपके लिए फलदायक हो सकते हैं। इससे माता की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।

संतोषी माता की आरती करने की विधि

  1. साफ – सफाई –  माँ संतोषी की पूजा व आरती करने के दिन आप जल्दी उठकर घर की और पूजा स्थान की सफाई कर लें। 
  2. स्नान – सफाई करने  बाद आप स्नान करके साफ कपड़े पहने। 
  3. संकल्प – माँ का ध्यान करते हुए व्रत रखने  संकल्प करें। 
  4. शुद्धि – स्नान करने के बाद आप गंगा-जल से पूजा स्थान को शुद्ध कर ले। 
  5. माँ की प्रतिमा की स्थापना – इसके बाद आप लाल वस्त्र बिछा कर माँ की प्रतिमा को स्थापित करें। 
  6. अर्पित करें – माता को धूप, फूल, माला, फल, गुड़,चना, सिंदूर, रोली, चंदन इत्यादि चढ़ाये। 
  7. कलश स्थापित – पूजा स्थान पर एक कलश स्थापित करें और कलश में चना गुड़ डाले। 
  8. आरती – गाय के घी से दिया जला कर
  9. आशीर्वाद – आरती समाप्त करने के बाद आप माता से अच्छे जीवन के लिए प्रार्थना करें। 
  10. व्रत का उद्यापन – अब आप गुड़ चना खा कर व्रत का उद्यापन करें। 

इनकी आरती करने से क्या लाभ होते हैं

  • परिवार में सुख शांति –  इनकी पूजा व आरती करने से परिवार में सुख – शांति बनी रहती है। 
  • कार्यो में सफलता – माता संतोषी की आरती करने से आप के सभी कार्य सफल होते हैं। 
  • विवाह का योग्य – जिनकी शादी में अड़चने आ रही है उनका जल्दी शादी हो जाता है। 
  • अच्छा वर – यदि कुआरी लड़किया संतोषी माँ की पूजा व आरती करती हैं तो उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है। 
  • स्वास्थ्य – माता  की आरती करने से आप सभी का स्वास्थ्य बना रहता है। 
  • धन  वृद्धि – मईया संतोषी की आरती करने से धन में बढ़ोतरी होती है। 

FAQ

माता की पूजा करते समय सबसे खास किस बात का ध्यान रखना चाहिए ?

व्रत रखने पर क्या खाना चाहिए ?

संतोषी माँ की पूजा व आरती किसको करना चाहिए ?

क्या माता संतोषी की पूजा के बाद आरती करना आवश्यक है?

Share

Leave a comment