भारत में हर कोने में मंदिर और तीर्थस्थल मिलते हैं, जहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण करने आते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत और पवित्र धाम है सलासर बालाजी अकोला। इस मंदिर का महत्व हनुमानजी की अनुकंपा से जुड़ा हुआ है और भक्तों को यहाँ अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होते हैं। Salasar Balaji Akola सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और आत्मिक शांति का प्रतीक भी है।
इस आर्टिकल में हम इस मंदिर के इतिहास, वास्तुकला, धार्मिक महत्व, दर्शन समय, और यात्रा मार्ग की जानकारी विस्तार से देंगे।
Salasar Balaji Akola मंदिर का इतिहास और महत्व

अकोला में स्थित सलासर बालाजी मंदिर का निर्माण 2014 में किया गया था। यह मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध सलासर बालाजी मंदिर की प्रेरणा से बनाया गया है, जो हनुमानजी के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर 2 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसकी भव्यता भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर परिसर में एक सुंदर उद्यान भी स्थित है, जहाँ श्रद्धालु ध्यान और साधना कर सकते हैं।
मंदिर की अद्भुत वास्तुकला

Salasar Balaji Akola मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य और आकर्षक है। मंदिर के मुख्य भवन को पारंपरिक राजस्थानी और मराठी स्थापत्य कला के मिश्रण से बनाया गया है। मंदिर की प्रमुख विशेषताएँ:
- मुख्य गर्भगृह – यहाँ श्री हनुमानजी की दिव्य मूर्ति स्थापित है, जो भक्तों को अद्भुत ऊर्जा और शांति का अनुभव कराती है।
- श्री राम दरबार – इस भाग में श्री राम, माता सीता, लक्ष्मणजी और भक्त हनुमानजी की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
- श्री राधा-कृष्ण मंदिर – प्रेम और भक्ति के प्रतीक राधा-कृष्ण की दिव्य प्रतिमाएँ इस मंदिर को और भी पावन बनाती हैं।
- शिव परिवार – भगवान शिव, माता पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की मूर्तियाँ इस परिसर को और भी आध्यात्मिक रूप प्रदान करती हैं।
- सुंदर उद्यान – मंदिर परिसर में एक भव्य बगीचा भी है, जहाँ भक्त शांति से ध्यान और साधना कर सकते हैं।
Salasar Balaji Temple Akola तक कैसे पहुँचें?
Salasar Balaji Temple Akola Maharashtra में स्थित है, जो अच्छी तरह से सड़क, रेलवे और हवाई मार्गों से जुड़ा है। अगर आप इस पावन स्थल के दर्शन करना चाहते हैं, तो यहाँ पहुँचने के कई साधन उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा अकोला एयरपोर्ट (शिवानी एयरपोर्ट) है, जो मंदिर से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए निकटतम एयरपोर्ट नागपुर (250 किमी) और औरंगाबाद (265 किमी) हैं।
- रेल मार्ग से: अकोला रेलवे स्टेशन इस मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। मुंबई, दिल्ली, जयपुर, पुणे, हैदराबाद और नागपुर से यहाँ के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।
- सड़क मार्ग से: अकोला शहर राष्ट्रीय राजमार्ग-6 से जुड़ा हुआ है। यहाँ के लिए महाराष्ट्र राज्य परिवहन और निजी बस सेवाएँ उपलब्ध हैं, जो नागपुर, मुंबई, नासिक, भोपाल और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित रूप से चलती हैं।
Salasar Balaji Akola Timing
भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर सुबह और शाम दोनों समय खुला रहता है:
- सुबह: 6:00 बजे से 12:00 बजे तक
- शाम: 4:00 बजे से 9:00 बजे तक
- त्योहारों और विशेष आयोजनों के दौरान दर्शन का समय बढ़ाया जाता है।
विशेष आयोजन और उत्सव
मंदिर में सालभर विभिन्न धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है, जिनमें प्रमुख हैं:
- हनुमान जयंती – इस दिन भव्य आरती, हवन और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
- राम नवमी – भगवान श्रीराम के जन्मदिन पर मंदिर में भजन-कीर्तन और शोभायात्रा निकाली जाती है।
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – भगवान कृष्ण की जन्मलीला का सुंदर मंचन होता है।
- शिवरात्रि – इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा और रुद्राभिषेक किया जाता है।
- नवरात्रि और दुर्गा पूजा – पूरे नौ दिनों तक माता रानी की विशेष आराधना की जाती है।
इन आयोजनों के दौरान मंदिर में हजारों भक्त आते हैं और भक्ति का अद्भुत माहौल बनता है।
सलासर बालाजी अकोला केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि यह श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक शांति का प्रतीक है। यहाँ आकर भक्तगण हनुमानजी की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर लेते हैं। यदि आप कभी अकोला जाएँ, तो इस पवित्र स्थल के दर्शन अवश्य करें और सलासर बालाजी के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें।
FAQ
क्या इस मंदिर का सलासर बालाजी (राजस्थान) से कोई संबंध है?
हाँ, यह मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध सलासर बालाजी मंदिर से प्रेरित होकर बनाया गया है।
क्या मंदिर में विशेष पूजा या हवन कराया जा सकता है?
हाँ, मंदिर में विशेष पूजा, हवन, और सुंदरकांड पाठ आदि कराए जाते हैं। इसके लिए पहले से बुकिंग करानी होती है।
मंदिर परिसर में क्या अन्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
मंदिर परिसर में सुंदर बगीचा, भक्तों के लिए विश्राम स्थल, जल सुविधा, और भजन-कीर्तन मंडप मौजूद हैं।
क्या मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है?
मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन गर्भगृह के अंदर फोटो लेना प्रतिबंधित हो सकता है।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile