Sabka Malik Ek Hai Sai
जो भी साईं के दर आया,
दौलत शौहरत सब कुछ पाया,
सबकी झोली भरते साईं,
सबका मालिक एक है साई……
एक दुखयारी शिर्डी आई,
उसके बालक के बदन में ,
विकट बिमारी थी छाई ,
दर दर उसने ठोकर खाई ,
बाबा के शरण में आई,
पल भर में साईं ने उसकी,
सारी विपदा दूर भगाई,
सबका मालिक एक है साईं…..
किसे ने न भगवन को देखा,
मगर शिर्डी देती गवाही,
साईंबाबा को सबके है देखा,
जिसने भी दिल से चाहां,
उसने सब कुछ है पाया,
ग्यारह बचन दिए साइने,
सबको धन्य कर करे साईं,
सबका मालिक एक है साईं…….

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म