Pyar Hua Sai Se
होश नहीं दुनिया का मुझको साई में रहूँ मगन,
प्यार हुआ साई से मुझको साई मेरा भगवान……
मैं तो दीवाना दीवाना साई नाम का दीवाना,
मैं तो परवाना परवाना साई नाम का परवाना,
शिर्डीवाले का दीवाना साई बाबा का दीवाना,
अपने बाबा का दीवाना अपने बाबा का परवाना……
तू ही मेरी आँखों में अब तू ही मेरे मन में,
तुझे छोड़कर ना जाऊंगा और किसी महफिल में,
श्रद्धा है तौरी ओ साई मेरी धड़कन में,
एक तू ही बसा है साई मेरे इस तन मन में……..
बैठा हूँ ओ साई एक तुझसे आस लगाए,
पूरे ही दर्शन की मन में ज्योत जगाये,
भूल के दुःख अपना मैं तो साई साई सारे,
जीऊंगा ओ साई अब तो तेरे ही सहारे……
तेरे दर पे रहना है मुझे तेरे दर पे मरना है,
जब तक है ये जान जिस्म में तेरी पूजा करना है,
जीवन की नैया में मेरे खेवैया तुम हो,
इस पापी के पाप धोने की नयी नदिया तुम हो………
कोई कहे पगला दीवाना कोई कहे मतवाला,
मुझको तो जपनी है अपने साई नाम की माला,
मन में मेरे बसा है मेरा साई भोला भाला,
मैंने तो पिया है अपने साई नाम का प्याला….

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म