जीवन के इस भटकते सफर में, साईं बाबा ही वह दीपक हैं जो हमें सच्चे मार्ग की ओर ले जाते हैं। मैं कहीं भटक न जाऊँ संसार में मेरे साईं भजन एक भक्त की विनती है, जो अपने साईं बाबा से मार्गदर्शन और सही दिशा देने की प्रार्थना करता है। यह भजन हमें यह एहसास कराता है कि जब तक साईं बाबा की कृपा बनी रहती है, तब तक संसार के मोह-माया में भटकने का कोई भय नहीं रहता।
Main Kahi Bhatak Na Jau Sansar Me Mere Sai
मैं कही भटक न जाऊँ,
सँसार मे मैरे साँई,
जीवन बिताना चाहूँ,
तेरे द्वार पे मेरे साँई।।
तेरा नाम मै जपूँगा,
तेरा ध्यान मै करूँगा,
तेरे नाम का जिकर भी,
सुबह शाम मै करूँगा,
मुझ पर भी मौज तेरी,
हो जाए मेरे साँई,
मै कही भटक न जाऊँ।।
तेरी रज़ा मे हरदम,
जीऊँगा मै ओ दाता,
देखो कही न टूटे,
तेरा मेरा ये नाता,
तुमसे विमुख मै हो कर,
कहाँ जाऊँ मेरे साँई,
मै कही भटक न जाऊँ।।
फँस कर जगत मे मैने,
प्रभू तुमको है भुलाया,
तू है दयालू फिर भी,
मुझको शरण बुलाया,
इतनी दया भी करदो,
तुम्हे ध्याऊँ मेरे साँई,
मै कही भटक न जाऊँ।।
मैं कही भटक न जाऊँ,
सँसार मे मैरे साँई,
जीवन बिताना चाहूँ,
तेरे द्वार पे मेरे साँई।।
साईं बाबा की कृपा से जीवन सरल और सुखद हो जाता है। जब हम साईं की शरण में आ जाते हैं, तो वह हमें हर कठिनाई से बचाते हैं और सच्ची राह दिखाते हैं। उनकी भक्ति में और अधिक रमने के लिए इन भजनों को भी पढ़ें: “साईं साईं की जपले तू माला, भव तारे मेरा शिरडी वाला”, “साईं तेरी शिरडी का बड़ा सुंदर नजारा है”, “श्रद्धा सबूरी मन में रखो, साईं वचन अनमोल” और “साईं तेरी याद महा सुखदाई”। साईं बाबा के चरणों में समर्पित हर भक्त को शांति और प्रेम की अनुभूति होती रहे! ????✨

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म