ले चलो रे पालकी शिरडी के लाल की भजन लिरिक्स

साईं बाबा की महिमा का बखान करना किसी एक भजन या शब्दों में संभव नहीं, लेकिन जब भक्त प्रेमपूर्वक भजन गाते हैं, तो साईं की कृपा का अनुभव करते हैं। ले चलो रे पालकी शिरडी के लाल की भजन भक्तों के उत्साह और श्रद्धा को दर्शाता है। यह भजन साईं बाबा के पालकी उत्सव की महिमा को प्रकट करता है, जिसमें भक्त पूरे श्रद्धा भाव से बाबा की पालकी लेकर गाते-नाचते चलते हैं, मानो स्वयं साईं उनके साथ हों।

Le Chalo Re Palaki Shiradi Ke Lal Ki Bhajan Lyrics

ले चलो रे पालकी,
शिरडी के लाल की,
ले चलो रे पालकी,
शिरडी के लाल की,
राजा धिराजा की,
पालकी को ले चलो,
जय साईं जय साईं,
कहते बढे चलो,
ले चलो रे पालकी।।

सिर पे रूमाल गले पटके सजा के,
कांधे पे बाबा की पालकी उठा के,
ये दुनिया देखेगी शोभा कमाल की।

ले चलों रे पालकी,
शिरडी के लाल की,
राजा धिराजा की,
पालकी को ले चलो,
जय साईं जय साईं,
कहते बढे चलो,
ले चलो रे पालकी।।

पीरों के पीर वली दाता विधाता,
श्रद्धा से कान्धे पे जो भी उठाता,
बाबा ने हर सांसें,
उसकी खुशहाल की।

ले चलों रे पालकी,
शिरडी के लाल की,
राजा धिराजा की,
पालकी को ले चलो,
जय साईं जय साईं,
कहते बढे चलो,
ले चलो रे पालकी।।

ऊंची नीची राहों पे चलना सम्भाल के,
राग-द्वेष-बैर-भाव दिल से निकाल के,
बाबा सिखा देंगे,
बातें सुर-ताल की।

ले चलों रे पालकी,
शिरडी के लाल की,
राजा धिराजा की,
पालकी को ले चलो,
जय साईं जय साईं,
कहते बढे चलो,
ले चलो रे पालकी।।

गर हो विश्वाश खुद बुला लेंगे बाबा,
तू लड़खड़ाया सम्भालेंगे बाबा,
भूलना ना बात,
इस बाबा के “लाल” की।

ले चलों रे पालकी,
शिरडी के लाल की,
राजा धिराजा की,
पालकी को ले चलो,
जय साईं जय साईं,
कहते बढे चलो,
ले चलो रे पालकी।।

साईं बाबा के भजन करने से मन को अपार शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। उनकी भक्ति में जो रम जाता है, उसे हर सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। अगर यह भजन आपको पसंद आया हो, तो “शिरडी वाले बाबा तेरे दर पे मैं आया” और “साईं बाबा तेरा दर हो झुका चरणों में सर हो” जैसे भजनों को भी अवश्य करें। साथ ही, “बड़े भाग्य वाले हैं जिन्हे बाबा ने बुलाया है” और “साईं तेरी शिरडी का बड़ा सुंदर नज़ारा है” जैसे भजन भी साईं बाबा की महिमा का अद्भुत वर्णन करते हैं। 🙏✨

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