Jalva Mere Sai Ka Rahta Hai
अल्लाह है साई ईश्वर है साई कण कण में है साई,
पशु पक्षी और पेड़ पौधे, जल जल में है साई,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में……
पानी से दीप जलाया हुई रोशन ईद दिवाली,
वो नीम की छाँव में बेठा उसकी सरकार निराली,
खुशबु की तरह बिखरा साईं नाम हवाओ में,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में…..
हर बिगड़े काम बनाता राजा वो शिर्डी वाला,
दर पर उसके जो जाये,
खुलता किस्मत का ताला,
सूरज की किरण में वो सावन की घटाओ में,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में…….
राई को बना दे पर्वत, पर्वत को बना दे राई,
वो नंगे पाँव ही लौटी, जितनी भी क़यामत आई,
वो राम रहीम बना, भक्तों की निगाहों में,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में….

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म