Hai Dil Me Khushi Apar
है दिल में खुसी अपार, मैं शिर्डी जाऊंगा,
देखु जाकर दरबार मैं शीश झुकाऊँगा……
कृपालु उपकार करणीया,
साई भगत से प्यार करणीया,
होंगे सपने साकार मैं शिर्डी जाऊंगा….
ह्रदय में साई की ज्योति,
था दुखिया अब मिल गए मोती,
करे दुखिया पे उपकार मैं शिर्डी जाऊंगा..
साई जी की अद्भुत माया,
फल देता सबको मन चाहया,
जरा बोलो जय जय कार मैं शिर्डी जाऊंगा………
जली जोत अरदास लगाओ,
जो भी भगत है आगे आओ,
करे साई जी उद्धार मैं शिर्डी जाऊंगा…..
लग रही लग्न मग्न रहु मन में,
नेपाल सिंह उमंग लगी तन में,
खड़या शेरखान दरबार मैं शिर्डी जाऊंगा……

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म