दर पे आके तेरे साईं बाबा कुछ सुनाने को दिल चाहता है

जब भक्त के हृदय में प्रेम और श्रद्धा उमड़ती है, तो वह साईं बाबा के दर पर आकर अपने मन की सारी बातें उन्हें सुनाना चाहता है। दर पे आके तेरे साईं बाबा, कुछ सुनाने को दिल चाहता है भजन इसी गहरे भाव को व्यक्त करता है। यह भजन दर्शाता है कि साईं बाबा के दरबार में आने से मन को एक अनोखी शांति और सुकून मिलता है। उनकी कृपा से हर दर्द, हर पीड़ा हल्की हो जाती है।

Dar Pe Aake Tere Sai Baba Kuchh Sunane Ko Dil Chahata Hai

दर पे आके तेरे साईं बाबा,
कुछ सुनाने को दिल चाहता है,
ना जुदा अपने चरणों से करना,
सर झुकाने को दिल चाहता है।।

मैं जहाँ भी गया मैंने देखा,
लोग हैं स्वारथी इस जहाँ में,
बात है क़ुछ दबी सी लबों पे,
जो बताने को दिल चाहता है।।

थाम लो बाबा दामन हमारा,
अब मुझे बस है तेरा सहारा,
मोह माया भरे झूठे जग से,
मन हटाने को दिल चाहता है।।

बस यही एक कृपा मुझपे कर दो,
हाथ हो तेरा सर पे हमारे,
भक्ति रस में तुम्हारे ओ बाबा,
डूब जाने को दिल चाहता है।।

नाम का जाम मुझको पिला दो,
बस यही आपसे माँगते हैं,
‘परशुराम’ छबि बाबा की मन में,
बस बसाने को दिल चाहता है।।

दर पे आके तेरे साईं बाबा,
कुछ सुनाने को दिल चाहता है,
ना जुदा अपने चरणों से करना,
सर झुकाने को दिल चाहता है।।

साईं बाबा के दर पर आकर जो भी सच्चे दिल से प्रार्थना करता है, उसे उनके अपार प्रेम और आशीर्वाद की अनुभूति होती है। उनकी भक्ति में लीन होने के लिए अन्य भजनों को भी पढ़ें, जैसे “मेरे साईं की अद्भुत है माया, देखो पानी से दीप जलाया”, “साईं नाथ तेरी महिमा सारे जग से निराली है”, “मेरे साईं, तेरी शिरडी बहुत अब याद आती है” और “मन लागो एक फ़क़ीर से, एक जोगी की तस्वीर से”। साईं बाबा की भक्ति में रमकर उनके अनंत प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव करें। 🙏✨

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