Besaharo Ka Hai Sahara sai
बेसहरों का है साई,
बे सहारों का है सहारा साई,
सारी दुनियाँ का पालनहारा साई,
बड़ा अलबेला प्यारा प्यारा है हमारा साई……
साई बधू सखा पिता माता, साई सतगुरु हैं साई विधाता,
भावना जैसी मन में रही है साई वैसा नजर हमें आता,
प्रेम का सुन्दर का है नजारा साई,
बे सहारों का है सहारा साई,
बड़ा अलबेला प्यारा प्यारा है हमारा साई…..
दीप पानी से साई है जलाता नीम पे पात है मीठे बनाता,
आंच भक्तों पे आने ना पाए साई आटे की रेखा है बनाता,
घोर अँधियारों में है सितारा साई,
बे सहारों का है सहारा साई…….
साई सूखे गुलों को है खिलाता साई बिछड़े हुओं को है मिलता,
साई निर्धन को है धनवान करता साई काया को है कांचन बनाता,
दीन दुखियों का तारणहारा साई,
बे सहारों का है सहारा साई……
साई सबको गले से है लगाता साई भक्तों से है नाता निभाता,
साई बन जाता है सबका खिवैया साई भव पार है सबको कराता,
प्रेम भक्ति की पावन धारा दाई,
बे सहारों का है सहारा साई…

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म