Apne Charno Me Sai Ji Sada Bithakar Rakhna
अपने चरणों मे साई जी सदा बिठाकर रखना,
जैसे भी हालात हों मुझको दूर कभी ना करना,
यही अरदास है बाबा, मेरी अरदास है बाबा…..
भूलभुलैया है ये दुनिया राह भटक ना जाऊं,
हाथ जोड़कर साई जी मैं तुमसे इतना चाहूँ,
मेरे सिर पर साई अपना हाथ सदा ही रखना,
जैसे भी हालात हों मुझको दूर कभी ना करना,
यही अरदास है बाबा, मेरी अरदास है बाबा….
राहों का मुझे पता नही मंजिल कैसे पाऊंगा,
आपके बिन दो कदम भी साई चल मैं नहीं पाऊंगा,
मेरे उंगली पकड़के साई साथ हमेशा चलना,
जैसे भी हालात हों मुझको दूर कभी ना करना,
यही अरदास है बाबा, मेरी अरदास है बाबा….
जो कुछ पाया इस जीवन मे आपसे ही तो पाया,
इस जीवन मे आपने मेरा हर पल साथ निभाया,
जैसे अब तक साथ निभाया वैसे निभाते रहना,
जैसे भी हालात हों मुझको दूर कभी ना करना,
यही अरदास है बाबा, मेरी अरदास है बाबा….

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म