Sunder Kehlate Jo Is Jag Ke Najare Hain
सुन्दर कहलाते जो इस जग के नज़ारे हैं
तेरी चुनरी में हे माँ वो चाँद सितारे हैं
सुन्दर कहलाते जो ……….
पूरब में सूरज की लाली जब छाती है
लगता चुनरी ओढ़े तू धरती पे आती है
तेरी ही आभा के ये सारे उजारे हैं
सुन्दर कहलाते जो ……….
चमकीले ये मानिया फीकी पद जाती हैं
भाव से भरी चुनरी में जब सज जाती हैं
तारों के लटकन से झड़े इसके किनारे हैं
सुन्दर कहलाते जो ……….
जब मन तेरे दर्शन को मैया ललचाता है
चुनरी के रंग में ही चंदा रंग जाता है
आजा ओढ़न को माँ आकाश पुकारे है
सुन्दर कहलाते जो ……….
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱