Mhara Atka Saara Kaaj The Banawan Lageya
जद से दादी ठाठन नगरी थारी आवन लगाएया
म्हारा अटका सारा काज थे बनावन लागेया
हाथो हाथ मिले है परचो पुरे वर्ष को देवे खरर्चो
ये तो भर भर झोली कलकते ले जावन लगेया
म्हारा अटका सारा काज थे बनावन लागेया
अपने घर सो घाणघंड लावे आवा हां परिवार के सागे,
थाणे दुःख सुख की सारी बात सुनावन लागेया
म्हारा अटका सारा काज थे बनावन लागेया
जब से थारी शरण में आया
दादी जी आराम है पाया,
ये तो घूम घूम के दुनिया ने बतलावन लगाये
म्हारा अटका सारा काज थे बनावन लागेया
ढानढन आयो बिगड़ी बन गई
बोले पवन की किस्मत खुल गई
इब तो हाजरी में अवाम्स में लगावन लागेया
म्हारा अटका सारा काज थे बनावन लागेया
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱