Mangseer Ki Navami Aayi
मंगसीर की नवमी आई, खुशियाँ ही खुशियाँ छाई,
बांटा जी बांटा म्हें बधावणा,
ओ दादी, बांटा जी बांटा म्हें बधावणा,
मनड़ो म्हारो मुस्कावै,
हिवड़ो म्हारो हरसावै,
बांटा जी बांटा म्हें बधावणा,
ओ दादी, बांटा जी बांटा म्हें बधावणा….
सोणो सोणो सो मुखड़ो, चमचम चमके है हो,
चमचम चमके है,
लाल सुरंगी मेहंदी, दमदम दमके है हो,
दमदम दमके है,
हीरे को हार गढ़ास्यां, गजरो थाणे पहरस्यां,
पीढ़े पे बैठयो म्हारे आंगणा,
ओ दादी, पीढ़े पे बैठयो म्हारे आंगणा,
मंगसीर की नवमी आई,
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई,
बांटा जी बांटा म्हें बधावणा…………
स्वर्ण सिंहासन बैठी, दादी मुस्कावे हो,
दादी मुस्कावे,
लाखों भगत दादी के, धोक लगावे हो,
धोक लगावे,
मोती माणक है सोवे, हीरे की नथली सोवे
हाथां में कंगण मनभावणा,
ओ दादी, हाथां में कंगण मनभावणा,
मंगसीर की नवमी आई,
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई,
बांटा जी बांटा म्हें बधावणा…………
हिलमिल म्हें बैठयाँ दादी, ज्योत जगास्याँ हो,
ज्योत जगास्याँ,
लाडू बुंदिया को दादी, भोग लगास्याँ हो,
भोग लगास्याँ,
लाड लडास्याँ म्हें तो, हिंडो हिंडास्याँ म्हें तो,
गास्याँ जी गास्याँ म्हें बधावणा,
ओ दादी, गास्याँ जी गास्याँ म्हें बधावणा,
मंगसीर की नवमी आई
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई
बांटा जी बांटा म्हें बधावणा…………
झिलमिल तारां री दादी, चुनड़ी म्हें ल्याया, हो
चुनड़ी म्हें ल्याया,
लंपी लुम्पा से दादी, घणी सजाया, हो
घणी सजाया,
रेशम को पोत मंगास्याँ, रुच रुच थाणे ओढ़ास्यां
चाकर “मधु” बांटे बधावणा
ओ दादी, चाकर मधु बांटे बधावणा
मंगसीर की नवमी आई
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई
बांटा जी बांटा म्हें बधावणा
ओ दादी,बांटा जी बांटा म्हें बधावणा……..
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱