Chunad Lyaya Haan Dadi Ji
चूनड़ ल्याया हां भवानी जी थारा सेवक आज रे
ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे,
मान राख लो भगता को मैया थे तो आज रे,
ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे,
चम चम करती चुनरी ज्यू तारा मैं चंदा
सूरज सी किरना से दमकी जब लगवाया घोटा
थाणे भावे लाल रंग की चुनर को लाया रे
ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे,
पल्ला पल्ला पर घुंगरू बांधेया छम छम करता बाजे
पग लारी पायल से घुंघरू मेचिंग करता बाजे
यो भी ओड लो चुनर तो या तो थापे साजे रे
ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे,
चुनड ओड के लागे प्यारा चमके मुखड़ो थारो
भगता को भी मान बड़े दो बात या हमारी मानो
थारी ममता रा हाथ फिरा दो सर पे रे
ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे,
उचे सिंगासन आप विराजो सूरबी की ये सुन लेयो
सिंह सवारी बैठ के दादी बिच भगता के आजो
नाचो नाचो थे तो ओड के चुनर माहरे सागे रे
ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे,
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱