बनवाया झुला हम भक्तों ने

Banwaya Jhula Hum Bhakto Ne

सावन का महीना आया बहार के लिए
बनवाया झूला हम भक्तों में मां के लिए

रिमझिम बरसे घटाएं बागों की मस्त हवाएं
सावन में जो तू आए संग सारी खुशियां लाए
मेरा तन मन तरस रहा है उस प्यार के लिए
बनवाया झूला हम भक्तों ने मां के लिए

तेरी चम चम चुनरी चमके और हाथों में कंगन खनके
माथे पे बिंदिया निराली सूरतिया दम दम दमके
मेहंदी लगाएं तुमको श्रृंगार के लिए
बनवाया झूला हम भक्तों ने मां के लिए

जब झूले पर बैठेगी सखियां बलाइयां लेंगी
हम प्यार से बस देखेंगे तुझे एक ही बात कहेंगे
तेरी पूनम तरस रही है दीदार के लिए
बनवाया झूला भक्तों ने मां के लिए बनवाया झूला हम भक्तों ने मां के लिए

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