राम प्रभु पे विपदा आई जल्दी आओ ना

राम प्रभु पे विपदा आई, जल्दी आओ ना भजन भक्तों की उस गहरी भावना को प्रकट करता है, जिसमें वे अपने आराध्य हनुमान जी से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे शीघ्र आकर प्रभु श्रीराम की सहायता करें। यह भजन हमें त्रेता युग की उन घटनाओं की याद दिलाता है जब भगवान श्रीराम को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और संकटमोचन हनुमान जी ने अपने बल, बुद्धि और भक्ति से उन्हें हर संकट से उबारा। यह भजन हनुमान जी की निष्ठा और श्रीराम के प्रति उनकी अविचल भक्ति को दर्शाता है।

Ram Prabhu Pe Vipda Aai jaldi Aao Na

राम प्रभु पे विपदा आई,
जल्दी आओ ना।
शक्ति लगी लक्ष्मण के,
हनुमत प्राण बचाओ ना।

अंजनी के दुलारे मेरे,
अंजनी के दुलारे।
अंजनी के दुलारे प्रभु के,
काज बनाओ ना।

द्रोणागिरी पर वेद बताई,
संजीवन कहलाए।
सूरज उगने से पहले,
ये बूटी कैसे आए।

हे बजरंगी अपने बल का,
ध्यान लगाओ ना।
रामप्रभु पे विपदा आयी,
जल्दी आओ ना।
शक्ति लगी लक्ष्मण के,
हनुमत प्राण बचाओ ना।

द्रोणागिरी पे पहुंचे हनुमत,
बूटी समझ ना आए।
मन ही मन मे सोच रहे है,
कैसे पता लगाएं।
आख़िर मन में ठान लिया,
पर्वत ही उठाओ ना।

रामप्रभु पे विपदा आयी,
जल्दी आओ ना।
शक्ति लगी लक्ष्मण के,
हनुमत प्राण बचाओ ना।।

संजीवन ले हनुमत पहुंचे,
राम के काज बनाएं।
वेदराज ने बूटी दे,
लक्ष्मण के प्राण बचाएं।
रामप्रभु बोले हनुमत से,
गले लग जाओ ना।

राम पे जब भी विपदा आई,
हनुमत दौड़े आए।
नाथ गुलाब महिमा थारी,
हरष हरष कर गाए।
‘विनय’ कहे नैया मेरी भी,
पार लगाओ ना।

राम प्रभु पे विपदा आई,
जल्दी आओ ना।
शक्ति लगी लक्ष्मण के,
हनुमत प्राण बचाओ ना।

अंजनी के दुलारे मेरे,
अंजनी के दुलारे।
अंजनी के दुलारे प्रभु के,
काज बनाओ ना।

हनुमान जी का नाम ही संकटों का नाश करने वाला है। Ram Prabhu Pe Vipda Aai jaldi Aao Na भजन यह संदेश देता है कि जब भी धर्म पर संकट आता है या भक्तों को किसी भी प्रकार की विपत्ति का सामना करना पड़ता है, तब हनुमान जी शीघ्र ही उनकी रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। इस शक्ति भाव को और प्रबल करने के लिए राम जी के अटके कोई काम नहीं होते, अगर हनुमान ना होते, छाई है खुशियां जन्मदिन आया है हनुमान जी भजन जैसे भजन भी मन में अपार भक्ति का संचार करते हैं।

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