राम नवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है और इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं, मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान श्रीराम की कथा का श्रवण करते हैं। Ram Navami का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक भी है, क्योंकि यह दिन हमें श्रीराम के आदर्शों और उनकी मर्यादा को जीवन में अपनाने की प्रेरणा देता है।
राम नवमी का महत्व
- भगवान श्रीराम का अवतरण: यह दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम के जन्म का प्रतीक है।
- धर्म और मर्यादा की विजय: श्रीराम के जीवन से हमें सत्य, धर्म और कर्तव्य पालन की प्रेरणा मिलती है।
- भक्ति और साधना का पर्व: इस दिन व्रत और रामचरितमानस का पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
2025 से 2030 तक का तिथि एवं दिन
वर्ष | दिन | दिनांक |
2025 | रविवार | 06 अप्रैल |
2026 | गुरुवार | 26 मार्च |
2027 | गुरुवार | 15 अप्रैल |
2028 | सोमवर | 03 अप्रैल |
2029 | रविवार | 22 अप्रैल |
2030 | शक्रवार | 12 अप्रैल |
यह केवल एक त्योहार नहीं बल्कि भक्ति और आत्मचिंतन का अवसर है। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यदि आप रामचरितमानस, राम स्तुति, या राम आरती पढ़ना चाहते हैं, तो [यहाँ क्लिक करें]।
पूजा- पाठ की मुख्य विधि
- प्रातः स्नान और संकल्प लें: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का संकल्प लें।
- पूजा स्थान: पूजा के लिए घर के पवित्र स्थान पर भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- अभिषेक करें: गंगाजल, दूध, शहद और पंचामृत से भगवान श्रीराम का अभिषेक करें और सुगंधित पुष्प चढ़ाएं।
- पाठ करें: इस दिन रामचरितमानस या सुंदरकांड का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
- आरती करें: श्रीराम की आरती करें और प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें।
- भजन-कीर्तन और दान करें: इस दिन राम भजन गाएं और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें यदि संभव हो तो।
FAQ
Ram Navami का शुभ मुहूर्त क्या है?
नवमी का पूजन नवमी तिथि के मध्याह्न (दोपहर) में करना श्रेष्ठ माना जाता है।
क्या इस दिन उपवास रखना अनिवार्य है?
नहीं, यह आपकी श्रद्धा पर निर्भर करता है। लेकिन उपवास रखने से भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन कौन-कौन से भोग अर्पित किए जाते हैं?
भगवान श्रीराम को पंचामृत, फल, मेवा, हलवा, और खीर का भोग अर्पित किया जाता है।
क्या इस दिन सुंदरकांड का पाठ किया जा सकता है?
हाँ, इस दिन सुंदरकांड का पाठ अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके। View Profile 🚩 जय श्री राम 🚩