Ram Ji Ki Aarti | राम जी की आरती : अच्छे कर्मों के प्रति प्रोत्साहित

राम जी की आरती आपके जीवन को नई दिशा देने की लिए एक अच्छा साधन हो सकता है। भगवान राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, सत्य, धर्म और आदर्श जीवन का प्रतीक माने जाते हैं। Ram ji ki aarti में श्री राम का गुणगान किया जाता है और उनसे आशीवार्द प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। आरती करने से आपके दिन की शुरुआत अच्छी होती है और आपके मन को शांति मिलती है।

श्री राम जी की आरती हिंदू धर्म में भगवान राम की महिमा का गुणगान करने वाली एक पवित्र भक्ति-रचना है जिसके गायन से व्यक्ति को आदर्श जीवन और ज्ञान की प्राप्ति होती है और उसके जीवन में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आप भी इस आरती को करके अपने भगवान राम की कृपा प्राप्त कर सकते है। हमने आपके सुविधा के लिए सम्पूर्ण आरती निचे उपलब्ध कराया है –

राम जी की आरती

आरती कीजै रामचन्द्र जी की,
हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की।

पहली आरती पुष्पन की माला,
काली नाग नाथ लाये गोपाला

दूसरी आरती देवकी नन्दन,
भक्त उबारन कंस निकन्दन

तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे,
रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥

चौथी आरती चहुं युग पूजा,
देव निरंजन स्वामी और न दूजा।

पांचवीं आरती राम को भावे,
रामजी का यश नामदेव जी गावें

आरती श्री रामचन्द्र जी की

जगमग जगमग जोत जली है।
राम आरती होन लगी है

भक्ति का दीपक प्रेम की बाती।
आरति संत करें दिन राती

आनन्द की सरिता उभरी है।
जगमग जगमग जोत जली है

कनक सिंघासन सिया समेता।
बैठहिं राम होइ चित चेता

वाम भाग में जनक लली है।
जगमग जगमग जोत जली है

आरति हनुमत के मन भावै।
राम कथा नित शंकर गावै

सन्तों की ये भीड़ लगी है।
जगमग जगमग जोत जली है

आरती के पहले Ramayan Manka, shri hari stotram और Ram Raksha Stotra का पाठ करना शुभ माना जाता है, इसलिए इसका पाठ अवश्य करें।

Ram Ji Ki Aarti करने की विधि:

  1. साफ-सफाई: सबसे पहले पूजा के लिए साफ़ और शुद्ध स्थान तैयार करें। और स्वयं भी स्नान करके स्वच्छ वर्स्त्र धारण कर लें।
  2. पूजा सामग्री:  आरती करने के लिए आवश्यक सामग्री तैयार करें जैसे – दीपक (बत्ती और तेल), अगरबत्ती, कटोरी, थाली, पुष्प, प्रसाद (फल या मिठाई) आदि।
  3. मूर्ति स्थापन: पूजा सामग्री तैयार करने के बाद पूजा स्थल पर भगवान राम की मूर्ति या चित्र को विधिपूर्वक स्थापित करें।
  4. आरती की तैयारी: दीपक में तेल डालें और उसमे बत्ती रखें।
  5. पूजा की आरम्भ: आरती के पहले, अगरबत्ती और धुप जलाएं। अब दीपक को जलाएं।
  6. आरती गाना: अब ऊपर दिए गए आरती गान को करना शुरू करे। आरती को ऊँचे व मधुर आवाज में गायें।
  7. प्रसाद बाँटना: भगवान को अब प्रसाद चढ़ाये और फिर सभी लोगो को बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें।
  8. ध्यान: इसके बाद, ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
  9. पूजा स्थल: पूजा समाप्त होने के बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करे और दीपक और धुप को किसी सुरक्षति स्थान पर रख दें।

नियमित रूप से करने से आपके आत्मा को शांति और सुख मिलते हैं, और आप भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को भी व्यक्त कर सकते हैं।

आरती करने के लाभ

  • आध्यात्मिक समृद्धि: आरती करने से आपको आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  • मानसिक सुख: पाठ करने से मानसिक संतुलन बना रहता है जिससे आपको शांति का अनुभव होता है। यह ज़िंदगी में सुख और समृद्धि का कारण बनता है।
  • कर्मयोग की सीख: पाठ करते समय, आप कर्मयोग सिखते हैं, जिसका मतलब है कि आपको अपने कर्मों को करने का तरीका और नियम का पता चलता है जिससे आप अपने कार्यों को समय से कर पाते है।
  • रोग और दुख: आपके शारीरिक और मानसिक रोगों में लाभ होता है और दुखों से मुक्ति मिलती है।
  • समाज में सहायता: पाठ करने से समाज अच्छे कर्मों के प्रति प्रोत्साहित होते हैं और दूसरों की सहायता करने की भावना पैदा होती है।
  • आंतरिक शांति: यह आपको आंतरिक शांति और संतोष की भावना प्रदान करता है, जिससे आपका मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।
  • आत्म-निग्रह: आपका आत्म-निग्रह मजबूत होता है, और आप संयमित जीवन जीने में सफल होते हैं।
  • समृद्धि और सफलता: नियमित पाठ करने से आपका जीवन समृद्धि और सफलता की ओर बढ़ता है, और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होते हैं।
  • बुराई से सुरक्षा: आपको बुराई और दुर्भाग्य से सुरक्षा मिलती है, और आपका जीवन प्रसन्नता और सफलता से भरा होता है।

FAQ

राम जी की आरती क्या है ?

एक धार्मिक प्रथा है जिसमें भगवान श्रीराम को समर्पित किया जाता है. यह आरती उनकी पूजा और महिमा का अभिवादन होता है।

क्या इसे किसी विशेष तरीके से पढ़ना होता है ?

अनुशंसा किस प्रकार की जाती है ?

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