श्री राम दया के सागर है भजन लिरिक्स

श्री राम दया के सागर हैं भजन भगवान श्रीराम की असीम कृपा और दया का वर्णन करता है। इस भजन में श्रीराम की करुणा और उनका भक्तों पर अत्यधिक स्नेह प्रदर्शित किया गया है। भगवान श्रीराम के बारे में कहा जाता है कि वे दया और प्रेम के सागर हैं, जो हर दुखी और दुखित व्यक्ति की सहायता करते हैं। इस भजन के माध्यम से, हम श्रीराम के उन अद्भुत गुणों को महसूस कर सकते हैं और उनसे यह आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना कर सकते हैं।

Shri Ram Daya Ke Sagar Hai

श्री राम दया के सागर है,
है रघुनन्दन सब दुख भंजन,
रघुकुल कमल उजागर है,
श्रीं राम दया के सागर है।।

“पत्थर की शिला गौतम नारी बन गई श्राप की मारी थी,
उसे राग भई बैराग भई फिर भी आस तुम्हारी थी…
छुआ चरण से शिला को रघुवरने तत्काल,
पग लगते ही बन गई वो गौतम नारी निहाल,”

क्या पांव मैं तेरे जादु भरा है,
पत्थर भी नर बन जाते है…
श्रीं राम दया के सागर है।।

“फिर एक वन में गिध्द पडा राम ही राम पुकारता है,
कटे हुए पंखो की पीडा से अपने प्राणो को हारता है…
सियाराम कहने लगे वो ही हुं मैं राम,
उठो गिध्दपति देखलो ये राम तुम्हे करे प्रणाम…
हट जाओ मुझे मरने दो माता का दिया राममंन्त्र का,
आराधन मुझको करने दो,”

खग जग का तु भेद ना जाने,
समझे सबको बराबर है…
श्रीं राम दया के सागर है।।

“गिध्द राज के दुखो का करते हुए बखान,
जा पँहुचे सबरी के घर कृपा सिधु भगवान…
सुन्दर पत्तो के आसन पर अपने प्रभु को बैठाती है,
मेहमानी के खातिर कुछ डलिया बैरों की लाती है…
भिलनी का सच्चा भाव देख राघवजी भोग लगाते है,
उन बार बार झुट् बैरो का रूचि रूचि कर भोग लगाते…
ले लो लक्षमण तुम भी ले लो ये बैर सुधा से बढकर है,
सीता का दिया भोजन भी होता नहीं इतना रूचिकर है…
ये सुनकर भिलनी के हुआ आन्नद,
देवता भी बोलते जयति सच्चिदानन्द,”

गद गद होकर भिलनी बोली,
तुम ठाकुर हम चाकर है…
श्रीं राम दया के सागर है।।

श्री राम दया के सागर है,
है रघुनन्दन सब दुख भंजन…
रघुकुल कमल उजागर है,
श्रीं राम दया के सागर है।।

श्रीराम की दया और करुणा से भरा यह भजन हमें यह समझाता है कि भगवान श्रीराम के बिना कोई भी भक्ति अधूरी है। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हमें पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ उनके चरणों में शरण लेना चाहिए। श्रीराम के अन्य भजनों जैसे राम का नाम गुणगान करो, जय श्री राम की शरण में, और श्री राम के भजनों से शांति मिले के द्वारा हम और अधिक श्रीराम के प्रेम में समाहित हो सकते हैं। उनके भजनों के साथ, जीवन को प्रेम और दया से भर सकते हैं।

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