सांझ सवेरे नैन बिछा के राह तकु रघुनन्दन की भजन लिरिक्स

सांझ सवेरे नैन बिछा के राह तकु रघुनन्दन की भजन भगवान श्रीराम की भक्ति और उनके दिव्य प्रेम को समर्पित है। इसमें भक्त अपने नैनों को राह तकने के लिए बिछा देते हैं, जैसे रघुनन्दन का मार्ग दर्शन पाने के लिए हर पल प्रतीक्षा करते हैं। यह भजन भक्तों को भगवान राम के प्रति अनन्य प्रेम और विश्वास की ओर प्रेरित करता है, कि उनका नाम ही जीवन का उद्देश्य और आधार है। पढ़ें और महसूस करें रघुनन्दन के साथ अपने रिश्ते की गहराई को।

Sanjh Savere Nain Bichha Ke Rah Taku Raghunandan Ki

सांझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की,
राम आएँगे जग जाएगी
राम आएँगे जग जाएगी,
किस्मत मेरे आँगन की
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

मुझ दिनन के कर्मो पर कब,
राघव करम कमाएँगे,
लगता है रुकने वाली है
लगता है रुकने वाली है,
लगी झड़ी जो असुवन की
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

अजमाएँगे राम जी कबतक,
सबर भला मुझ शबरी का,
हो जाउंगी धन्य लगाकर
हो जाउंगी धन्य लगाकर,
माथे धूलि चरणन की
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

निर्धन की कुटिया का कण कण,
पावन मंदिर सा होगा,
चरण पड़ेंगे रघुवर के जब
चरण पड़ेंगे रघुवर के जब,
हो जाएगी कंचन की
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

रघुवर खातिर चुन चुनकर मैं,
बेर लाऊंगी वन वन से,
कब आए कब भोग लगाए
कब आए कब भोग लगाए,
हो पूरी इच्छा मन की
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

कब निरखेंगे श्यामल छवि को,
तरस रहे ‘लख्खा’ के नयन,
कट जाए चौरासी मेरी
कट जाए चौरासी मेरी,
जनम जनम के बंधन की
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

सांझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की
राम आएँगे जग जाएगी,
राम आएँगे जग जाएगी
किस्मत मेरे आँगन की,
साँझ सवेरे नैन बिछा के,
राह तकु रघुनन्दन की।।

सभी भक्तों के लिए यह भजन भगवान राम के दर्शन की तीव्र इच्छा और उनके अनंत प्रेम का प्रतीक है। इस भजन को पढ़ें और अनुभव करें कैसे श्रीराम की भक्ति से जीवन में शांति और सुख का संचार होता है। राम नाम का जादू दुनिया पे छा रहा है और राम सिया राम से नयनाभिरामा जैसे भजनों के साथ भक्ति के मार्ग पर बढ़ें और श्रीराम के चरणों में शरण लें। जय श्रीराम!

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